भारत में शिशुओं के लिए खाँसी की दवा पर पूर्ण प्रतिबंध, मौतों के बाद कड़ा कदम
भारत में शिशुओं के लिए खाँसी की दवा पर पूर्ण प्रतिबंध, मौतों के बाद कड़ा कदम

Post by : Shivani Kumari

Oct. 19, 2025 2:26 p.m. 168

भारत में शिशुओं के लिए खाँसी की दवा पर पूर्ण प्रतिबंध, मौतों के बाद कड़ा कदम

 बाल स्वास्थ्य सुरक्षा में नया युग

भारत की स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने एक ऐतिहासिक "शिशुओं के लिए खाँसी की दवा नहीं" नीति लागू की है। इसके तहत एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं के लिए खाँसी की दवा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा डॉक्टरों और माता-पिता को पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में ऐसी दवा देने में अत्यधिक सतर्क रहने और हमेशा डॉक्टर की पर्ची लेने की सख्त चेतावनी दी गई है। यह कदम राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट के मद्देनजर उठाया गया है, जिसमें असुरक्षित या दूषित ओवर-द-काउंटर दवाओं के सेवन से कई बच्चों की मृत्यु हुई थी।

पृष्ठभूमि: वह त्रासदियाँ जिन्होंने बदलाव को मजबूरी बनाई

यह सख्त निर्णय कई दर्दनाक घटनाओं के बाद लिया गया। मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कम से कम 14 छोटे बच्चों की मौतें हुईं। जांच में सामने आया कि इन बच्चों की मौतों का संबंध खाँसी की दवा में मौजूद औद्योगिक विषाक्त रसायनों दीएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकोल (EG) से था। भारत पहले भी वैश्विक आलोचना का सामना कर चुका है, जब गम्बिया और उज़्बेकिस्तान में दूषित भारतीय सिरप से बच्चों की मृत्यु हुई थी। हाल ही में Coldrif सिरप विवाद में रहा, और कुछ राज्य लैबों ने इसमें DEG की पुष्टि की।

मुख्य कहानी: DGHS के दिशानिर्देश

  • शिशुओं के लिए पूर्ण प्रतिबंध (एक वर्ष से कम): शिशुओं को कभी भी खाँसी की दवा नहीं दी जानी चाहिए।
  • पाँच वर्ष से कम बच्चों में सावधानी: 1–5 वर्ष के बच्चों को डॉक्टर की पर्ची के बाद ही दवा दी जा सकती है।
  • मल्टी-ड्रग सिरप से बचें: Fixed-Dose Combination (FDC) वाले सिरप से बचने की सलाह, क्योंकि ये छोटे बच्चों में जोखिम पैदा कर सकते हैं।
  • कड़ाई से गुणवत्ता नियंत्रण: राज्य औषधि नियंत्रकों को उत्पादन इकाइयों का निरीक्षण और यादृच्छिक परीक्षण करने के निर्देश।
  • माता-पिता को शिक्षित करना: बच्चों की खाँसी के सुरक्षित, गैर-औषधीय उपाय जैसे saline drops, गर्म तरल पदार्थ और humidifier के उपयोग की जानकारी।

विशेषज्ञों की राय: बाल स्वास्थ्य के लिए स्वागत योग्य कदम

चिकित्सा समुदाय ने "शिशुओं के लिए खाँसी की दवा नहीं" नीति का स्वागत किया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम हर साल सैकड़ों बच्चों की जान बचा सकता है। बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश बच्चों की खाँसी में दवा की आवश्यकता नहीं होती। यह वैश्विक मानकों के अनुरूप है, जैसे कि अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स।

जनता और वैश्विक प्रतिक्रिया और राज्य-स्तरीय कार्रवाई

घोषणा के तुरंत बाद विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आईं। केरल ने डॉक्टर की पर्ची के बिना ओवर-द-काउंटर खाँसी सिरप की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। गुजरात में कुछ फार्मास्युटिकल कंपनियों का उत्पादन रोक दिया गया। दिल्ली समेत कई राज्यों ने Coldrif सिरप जैसी संदिग्ध दवाओं की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी। वैश्विक स्तर पर, इसे भारत की फार्मास्युटिकल सुरक्षा प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है।

प्रभाव विश्लेषण: उद्योग और नीति में बदलाव

  • औषधि उद्योग: गुणवत्ता नियंत्रण में कड़ाई और उच्च जोखिम वाले FDCs का बाजार से निष्कासन।
  • सामाजिक प्रभाव: OTC दवाओं के गैर-जरूरी उपयोग को रोकना और माता-पिता को पेशेवर सलाह लेने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • लंबी अवधि का लाभ: बाल सुरक्षा में सुधार, बीमारी कम करना और टॉक्सिक दवा से किडनी की चोट से बचाव।

सुरक्षित भविष्य की दिशा

DGHS का शिशुओं के लिए खाँसी की दवा पर प्रतिबंध और छोटे बच्चों के लिए सख्त नियम भारत में बाल स्वास्थ्य देखभाल में महत्वपूर्ण बदलाव हैं। दूषित सिरप और शक्तिशाली FDCs के दुरुपयोग को रोकते हुए, नई दिशानिर्देश सुरक्षा का नया मानक स्थापित करती हैं। इस नीति की सफलता सख्त कार्यान्वयन, सतत जन शिक्षा, और माता-पिता, डॉक्टर एवं फार्मासिस्ट के संयुक्त प्रयासों पर निर्भर करती है। बच्चों की हल्की खाँसी में अक्सर सबसे अच्छे उपाय हैं: देखभाल, आराम और धैर्य, न कि सिरप की बोतल।

#स्वास्थ्य एवं जीवनशैली #आयुर्वेदिक उपचार
अनुच्छेद
प्रायोजित
ट्रेंडिंग खबरें
सरकाघाट का चंद्र बना इलाक़े का ‘बुलडोज़र बेटा’, अपने खर्चे से बहाल कराई बंद पड़ी 30 सड़कें एआई ने खोला 500 साल पुराना शिव स्तुति शिलालेख का रहस्य कांगड़ा में हुआ 46वां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रांत अधिवेशन, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार रहे मुख्य अतिथि जीएसटी सुधारों ने भारत में अक्टूबर में ऑटो बिक्री विक्रय रिकॉर्ड बनाया भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों ने दिखाया नया रिकॉर्ड, त्योहारों की माँग से बिक्री हुई बढ़ोतरी गूगल ने पिक्सेल यूज़र्स के लिए अक्टूबर में दिया आखिरी मिनट सुरक्षा अपडेट इस सप्ताह सोना ₹748 गिरा, चांदी ₹2,092 बढ़ी, बाजार में उतार-चढ़ाव हिमाचल कैबिनेट ने युवाओं के लिए 700 से अधिक नई सरकारी नौकरियां दीं, जिलेवार विकास योजनाओं को मंजूरी