म्यांमार में थाडिंग्युत त्योहार के दौरान सैन्य हमले में दर्जनों लोगों की हत्या
म्यांमार में थाडिंग्युत त्योहार के दौरान सैन्य हमले में दर्जनों लोगों की हत्या

Post by : Shivani Kumari

Oct. 8, 2025 12:21 p.m. 206

म्यांमार में थाडिंग्युत त्योहार पर सैन्य हमले में दर्जनों की मौत, बच्चे भी शामिल

6 अक्टूबर 2025 की शाम म्यांमार के मध्य भाग में स्थित चौंग यू टाउनशिप में आयोजित थाडिंग्युत पूर्णिमा त्योहार और जुंटा विरोधी शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बीच म्यांमार की सैन्य सरकार ने एक भीषण हमला किया, जिसमें कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई और लगभग 80 लोग घायल हो गए। यह हमला मोटर चालित पैराग्लाइडरों से बम गिराकर किया गया, जो सेना द्वारा सैन्य विमानों और हेलीकॉप्टरों की कमी को पूरा करने के लिए अपनाई गई नई तकनीक है। इस हमले ने न केवल स्थानीय समुदायों को तबाह किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी झकझोर कर रख दिया।

गृहयुद्ध के साए तले म्यांमार

म्यांमार की राजनीतिक स्थिति 2021 के फरवरी में सैन्य तख्तापलट के बाद पूरी तरह बदल गई। लोकतांत्रिक चुनी गई सरकार को हटाकर सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया। इसके बाद देश में गृहयुद्ध शुरू हो गया जहाँ देश के विभिन्न भागों में जातीय सशस्त्र संगठन और लोकतंत्र समर्थक समूह सेना के खिलाफ हथियार उठा चुके हैं। सेना ने विरोध को दबाने के लिए कड़े दमन, बमबारी, गिरफ्तारी और अन्य निर्दयी उपायों को अपनाया है।

यह गृहयुद्ध अब तक हजारों नागरिकों की मौत का कारण बन चुका है और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी म्यांमार की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है, लेकिन प्रभावी अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की कमी के चलते स्थिति बिगड़ती जा रही है।

थाडिंग्युत त्योहार पर हुए हमले का घटना क्रम

6 अक्टूबर की शाम, चौंग यू टाउनशिप में स्थानीय समयानुसार लगभग 7 बजे, थाडिंग्युत पूर्णिमा त्योहार मनाया जा रहा था, जिसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। साथ ही, सेना के खिलाफ एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन भी चल रहा था, जिसमें राजनीतिक कैदियों की रिहाई, सेना की अनिवार्य भर्ती का विरोध और आगामी दिसंबर के चुनावों की निंदा की जा रही थी।

तभी अचानक एक मोटर चालित पैराग्लाइडर ने जनसमूह के ऊपर से उड़ान भरते हुए दो बम गिरा दिए। पैराग्लाइडर नामक यह उपकरण छोटे मोटर चालित ग्लाइडर होते हैं, जिन्हें अकेले पायलट द्वारा नियंत्रित किया जाता है, और ये तेज आवाज करते हैं।

बमबारी के परिणामस्वरूप पैनिक फैल गया। शिशुओं और बच्चों के साथ कई नागरिक गंभीर चोटें लगीं। विस्फोट की ताकत इतनी अधिक थी कि लोग मौके से भागने भी मुश्किल में थे। कई लोगों के शव बिखर गए, जिनके टुकड़े इकट्ठे करना भी मुश्किल था।

स्थानीय गवाहों के बयान

एक घटना स्थल पर उपस्थित महिला, जो आयोजन समिति की सदस्य थीं, ने बताया कि उन्होंने विस्फोट के बाद लोगों के शरीर के टुकड़े भी देखे। उन्होंने कहा, “बच्चे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे। तथाकथित विरोध प्रदर्शन और त्योहार स्थल दोनों पर बम गिराए गए थे।”

एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि वह लोगों को भागने को मना कर रहा था कि अचानक पैराग्लाइडर से बम गिरा दिए गए। उन्होंने कहा, "मेरे सामने कई साथी मारे गए, और मैं अभी भी अपने मरे दोस्तों के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ।"

सेना की नई रणनीति: पैराग्लाइडर बमबारी

म्यांमार की सेना ने विमान और हेलीकॉप्टरों के ईंधन और उपकरणों की कमी के कारण पैराग्लाइडर तकनीक को अपनाया है। ये छोटे वाहन सस्ते, फुर्तिला और अनदेखे रहकर हमला कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, ये पैराग्लाइडर आम लोगों को निशाना बनाने के लिए 120 mm के मोर्टर बम गिराते हैं।

इस रणनीति का इस्तेमाल मार्च 2025 में आए एक बड़े भूकंप के बाद भी इसी इलाके में बमबारी के लिए किया गया था। मानवाधिकार संगठनों ने इसे "एक भयावह प्रवृत्ति" बताया है क्योंकि इससे आम नागरिक खतरे में पड़ते हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया एवं मानवाधिकार संगठन

अमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे म्यांमार के नागरिकों के प्रति सेना की बेरहमी बताया है। अमनेस्टी के म्यांमार शोधकर्ता जो फ्रीमैन ने कहा, "यह हमला अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक भयावह चेतावनी है कि म्यांमार के निर्दोष नागरिकों को त्वरित सुरक्षा की आवश्यकता है।"

साथ ही, ASEAN और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आग्रह किया गया है कि वे सैन्य शासन पर दबाव बनाएं और म्यांमार के लिए मानवीय सहायता बढ़ाएं।

चुनावी माहौल और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

म्यांमार की सेना दिसंबर 2025 में चुनाव कराने का प्रस्ताव लेकर आई है, लेकिन इसे लोकतंत्र विरोधी और कट्टरपंथी विरोधी दलों ने नकार दिया है। विपक्ष का मानना है कि सेना यह चुनाव केवल सत्ता बनाए रखने के लिए आयोजित कर रही है।

चौंग यू में बमबारी ने यह साबित कर दिया कि सैन्य शासन इस चुनाव के पहले भी अपने विरोधियों और आम लोगों को हिंसा से डराने के लिए तैयार है।

मानवीय संकट और संकटग्रस्त स्थिति

म्यांमार के गृहयुद्ध ने लाखों लोगों को विस्थापित किया है। खाद्य, स्वास्थ्य सेवाओं तथा बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी के बीच, लोगों की जीवन रक्षा एक चुनौती बनी हुई है। सैन्य हमलों के कारण स्कूल, अस्पताल और अन्य नागरिक सुविधाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं।

चौंग यू हमले ने मानवीय संकट को और बढ़ा दिया है, जिससे लोगों के जीवन पर गहरा खतरा मंडरा रहा है।

म्यांमार का यह हमला न केवल सैन्य दमन की स्थिति को दर्शाता है, बल्कि विश्व समुदाय के लिए एक कड़ा संदेश भी है कि म्यांमार के नागरिक अत्यंत असुरक्षित हैं। धरती पर जारी हिंसा और राजनीतिक अराजकता तब तक समाप्त नहीं होगी, जब तक प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हस्तक्षेप न हो।

म्यांमार में लोकतंत्र की लौ अभी बुझी नहीं है, लेकिन इसे बनाए रखने के लिए विश्व समुदाय और स्थानीय लोगों को मिलकर प्रयास करना होगा।

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