Post by : Shivani Kumari
भारत के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 30 अक्टूबर 2025 को ₹1 लाख करोड़ के स्टार्टअप फंड 'अनुसंधान' के दूसरे संस्करण का अनावरण किया, जिसमें विशेष रूप से डीप-टेक स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह पहल भारत के नवाचार क्षमताओं को सशक्त करते हुए देश को वैश्विक नवाचार केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
गोयल ने बताया कि पिछले दशक में भारत ने विश्व का “सॉफ्टवेयर प्रदाता” बनने से आगे बढ़कर वैश्विक नवाचार केंद्र का रूप ले लिया है। कोविड-19 के बाद भारत ने सीख लिया है कि महत्वपूर्ण तकनीकों में घरेलू नियंत्रण और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएं आवश्यक हैं। इसलिए सेमीकंडक्टर्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग, रक्षा और अंतरिक्ष तकनीक जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है।
पीयूष गोयल ने कहा, “भारत में हर वर्ष लगभग 15 लाख इंजीनियर और 24 लाख STEM स्नातक तैयार होते हैं, जो देश को प्रौद्योगिकी में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे ले जाने में मदद करेंगे।”
उन्होंने घरेलू पूंजी को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया। सरकार घरेलू पेंशन फंड, बीमा कंपनियां, और पारिवारिक निवेशकों को वेंचर पूंजी में शामिल करने के लिए नियामक सुधार कर रही है। यह प्रयास 'रोगी पूंजी' के सिद्धांत पर आधारित है, जो दीर्घकालिक संरचनात्मक विकास में विश्वास करता है, न कि त्वरित लाभ के पीछे भागता है।
स्टार्टअप फंड ऑफ फंड्स के अगले 10,000 करोड़ रुपये विशेष रूप से डीप-टेक स्टार्टअप्स के लिए आवंटित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य शुरुआती चरण में उद्यमियों को विदेशी फंड्स को बड़ी इक्विटी बेचने से बचाना है ताकि वे अपने नवाचार और तकनीकी स्वामित्व को बनाए रख सकें।
भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की प्रगति का संकेत इस तथ्य से मिलता है कि निजी इक्विटी और वेंचर कैपिटल निवेश 2025 में $26 बिलियन तक पहुंच चुका है, जबकि 2025 की तीसरी तिमाही में निवेश में 38% की वृद्धि हुई है। FDI प्रवाह भी स्थिर रहा है और भारत यूरोपीय संघ तथा अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं के अंतिम चरण में है, जिससे आर्थिक और तकनीकी सहयोग और बढ़ेगा।
गोयल ने कहा कि सरकार निवेशकों को आकर्षित करने, अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने, और स्टार्टअप्स के लिए नियमों में सरलता लाने तथा टैक्स प्रोत्साहन देने के लिए कड़े प्रयास कर रही है।
डीप-टेक स्टार्टअप्स के महाकुंभ TiECon 2025 में गोयल ने कहा कि भारत के स्टार्टअप्स में सतही ऐप्स पर अधिक जोर दिया जा रहा है, जबकि विश्व स्तर पर मशीन लर्निंग और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे गहन तकनीक वाले स्टार्टअप अधिक प्रासंगिक हैं। यह आलोचना एक 'जागृति का संकेत' साबित हुई, जिसने देश में गहन तकनीकी नवाचार की मांग बढ़ाई है।
सरकार ने स्टार्टअप इंडिया डेस्क की भी स्थापना की है, जो क्षेत्रीय भाषाओं में 4-अंकीय टोल-फ्री हेल्पलाइन प्रदान करेगा ताकि उद्यमियों को नियामक एवं वित्तीय सहायता में समुचित मार्गदर्शन मिल सके।
पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत @2047 के विजन के तहत भारत को 2047 तक 30-32 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में स्टार्टअप्स की भूमिका अहम रहेगी।
सरकार के इस बड़े निवेश और नीति सुधार के साथ भारत एक ऐसी तकनीकी महाशक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है जो न केवल सॉफ्टवेयर बल्कि गहन तकनीकों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, और सेमीकंडक्टर उद्योग में भी विश्वस्तरीय नेतृत्व करेगा।
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