हिमाचल प्रदेश के डंगेडा में तेंदुए का आतंक, गांव में दहशत
हिमाचल प्रदेश के डंगेडा में तेंदुए का आतंक, गांव में दहशत

Post by : Shivani Kumari

Oct. 25, 2025 12:19 p.m. 184

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में शिवारिक की तलहटी और उपजाऊ मैदानों के मिलन स्थल पर 25 अक्टूबर 2025 की शाम सामान्य से असामान्य हो गई। डंगेडा गांव में एक खूबसूरत लेकिन खतरनाक तेंदुआ पेड़ पर बैठा देखा गया, जिससे गांव में डर फैल गया। यह दृश्य पंजाब केसरी टीवी द्वारा रिकॉर्ड किया गया और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

भारत में मानव-वन्यजीव संघर्ष नई बात नहीं है, लेकिन हाल के वर्षों में यह बढ़ा है। वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) के अनुसार, 2020 से 2025 के बीच मानव बस्तियों के पास तेंदुआ दिखाई देने के मामले 25% बढ़े। हिमाचल प्रदेश में 2024 में 150 से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें ऊना जिला मुख्य हॉटस्पॉट बनकर उभरा।

विशेषज्ञों के अनुसार, "तेंदुए अनुकूलनशील होते हैं। हम उनके प्राकृतिक मार्गों पर कब्जा कर चुके हैं, जिससे उन्हें गांवों में आना पड़ता है।" – डॉ. विद्या आथरेया, वाइल्डलाइफ कंसर्वेशन सोसाइटी इंडिया।

स्थानीय निवासी राजेश कुमार कहते हैं, "हम सदियों से जंगल के साथ रहते आए हैं, अब जंगल हमारे पास आ रहा है। हमारे बच्चे शाम के बाद बाहर नहीं खेल सकते।"

डंगेडा के लगभग 500 निवासी प्रभावित। भुषण ज्वैलर्स के कर्मचारी ने सबसे पहले तेंदुए को देखा और वन विभाग को सूचित किया। वन रेंज ऑफिसर विक्रम सिंह ने टीम भेजकर फ्लडलाइट और कैमरा ट्रैप लगवाए। 65 वर्षीय ग्राम पंचायत प्रधान सुरेश ठाकुर ने बचाव और लोगों को शांत रखने का नेतृत्व किया।

25 अक्टूबर की शाम 7 बजे, भुषण ज्वैलर्स के पास के नीम के पेड़ में तेंदुआ देखा गया। लगभग 4-5 साल का नर तेंदुआ 20 फीट ऊपर बैठा था। वीडियो में तेंदुए की अनमनी दृष्टि दिखाई देती है। हमला नहीं हुआ, लेकिन केज और ड्रोन निगरानी का उपयोग किया गया।

डंगेडा ऊना शहर से 15 किमी दूर है, जहां आम और kinnow के बाग जंगल के किनारे हैं। आसपास के क्षेत्रों में 200 हेक्टेयर जंगल सड़क और सौर परियोजनाओं के लिए कट गया। यही कारण है कि तेंदुए गांवों में आ रहे हैं।

दृश्य शाम 6:45 बजे देखा गया, और 7:30 बजे वीडियो वायरल हुए। 8 बजे वन विभाग ने क्षेत्र को घेर लिया। तेंदुए का सक्रिय समय संध्या और सुबह का होता है। सितंबर और अक्टूबर 2025 में इसी तरह के पांच हमले और sightings हुए।

वन्य क्षेत्र की कमी: हिमाचल ने 2020-2025 में 5% जंगल खो दिया। शिकार की कमी और जलवायु परिवर्तन ने तेंदुओं को गांवों में आने के लिए मजबूर किया। सामाजिक-आर्थिक कारक: 70% परिवार पशुपालन पर निर्भर हैं। नीति अंतराल: 1972 का वन्यजीव संरक्षण अधिनियम लागू है, लेकिन प्रतिवास की सफलता सिर्फ 40% है।

डॉ. बिलाल हबीब (WII) कहते हैं, "तेंदुए शरणार्थी हैं। GPS और AI कैमरा तकनीक से 60% तक आश्चर्यजनक मुठभेड़ों को रोका जा सकता है।" हिमाचल के प्रमुख वन संरक्षक राजेश शर्मा ने कहा, "हमने ऊना में 'लीविंग विद लेपर्ड्स' शुरू किया है, 200 ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया।"

स्थानीय: दुकानें बंद, बच्चे घर में, सोशल मीडिया पर #LeopardInUna ट्रेंड। युवा समूह जागरूकता और नाइट वॉच चला रहे हैं। मीडिया: हिंदी और अंग्रेजी अखबारों ने तेंदुए को जलवायु परिवर्तन से जोड़ा। वैश्विक: WWF और BBC ने संरक्षण उपायों का समर्थन किया।

सामाजिक: PTSD जैसी मानसिक समस्याएं, स्कूलों में उपस्थिति में गिरावट। आर्थिक: कृषि और पर्यटन पर नुकसान, ₹100 करोड़ सालाना। नीति और उद्योग: हिमाचल वन नीति 2025 में बजट वृद्धि की सिफारिश, शीतल ऊर्जा परियोजनाओं में देरी।

डंगेडा का तेंदुआ केवल खतरा नहीं, बल्कि हमारे प्रकृति संबंध का आइना है। मुख्य संदेश: जंगल का संरक्षण, शिक्षा और तकनीक से संघर्ष कम करना, और समुदाय को सशक्त बनाना। 2026 तक 50 गांवों में 'लीविंग विद लेपर्ड्स', ₹100 करोड़ फेंसिंग फंड, और युवा-नेतृत्व वाली गश्त योजना। सफल प्रतिवासों ने 20 तेंदुओं को सुरक्षित रखा। जैसा कि मुख्य वन्यजीव अधिकारी रंजन मिश्रा कहते हैं, "सह-अस्तित्व हार नहीं है; यह विकास है।"

#हिमाचल प्रदेश #ब्रेकिंग न्यूज़ #भारत समाचार
अनुच्छेद
प्रायोजित
ट्रेंडिंग खबरें
सरकाघाट का चंद्र बना इलाक़े का ‘बुलडोज़र बेटा’, अपने खर्चे से बहाल कराई बंद पड़ी 30 सड़कें एआई ने खोला 500 साल पुराना शिव स्तुति शिलालेख का रहस्य कांगड़ा में हुआ 46वां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रांत अधिवेशन, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार रहे मुख्य अतिथि जीएसटी सुधारों ने भारत में अक्टूबर में ऑटो बिक्री विक्रय रिकॉर्ड बनाया भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों ने दिखाया नया रिकॉर्ड, त्योहारों की माँग से बिक्री हुई बढ़ोतरी गूगल ने पिक्सेल यूज़र्स के लिए अक्टूबर में दिया आखिरी मिनट सुरक्षा अपडेट इस सप्ताह सोना ₹748 गिरा, चांदी ₹2,092 बढ़ी, बाजार में उतार-चढ़ाव हिमाचल कैबिनेट ने युवाओं के लिए 700 से अधिक नई सरकारी नौकरियां दीं, जिलेवार विकास योजनाओं को मंजूरी