सोलन के नालागढ़ में महिला साइंस टीचर का शराब पीकर स्कूल आने का वीडियो वायरल, जांच शुरू
सोलन के नालागढ़ में महिला साइंस टीचर का शराब पीकर स्कूल आने का वीडियो वायरल, जांच शुरू

Post by : Shivani Kumari

Oct. 31, 2025 1:19 p.m. 161

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के नालागढ़ क्षेत्र में एक महिला साइंस टीचर का शराब पीकर विद्यालय में आने का वीडियो वायरल होने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिसके बाद विभाग ने तत्काल मामले की गंभीरता से जांच करने के साथ महिला शिक्षक को स्कूल से निलंबित कर दिया है। इस घटना ने नालागढ़ सहित पूरे जिले के शिक्षा जगत में एक बार फिर अनुशासन और जिम्मेदारी के विषय को उठाया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, वीडियो में महिला शिक्षक स्कूल के कक्षाओं में उपस्थिति के दौरान नशे की हालत में दिखाई दे रही हैं। विद्यालय के अन्य कर्मचारियों और छात्रों ने विभाग को इस मामले की जानकारी दी। नशे की हालत में कक्षा में पढ़ाने की यह स्थिति शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों के मानसिक और शैक्षणिक हितों के लिए गंभीर खतरा मानी जा रही है।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि प्राथमिक जांच में ज्ञात हुआ है कि यह पहली गलती नहीं है। महिला शिक्षक ने कई बार अपने व्यवहार और अनुशासन को लेकर शिकायतें झेली हैं। विभाग ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। महिला शिक्षक को स्कूल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने, या फिर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी यदि जांच में गलत पाए जाने पर।

यह घटना एक बार फिर हिमाचल प्रदेश के शिक्षा तंत्र में रिक्तियों, शिक्षकों के व्यवहार, प्रशिक्षण और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को उजागर करती है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षकों के लिए नियमित काउंसलिंग, प्रशिक्षण और व्यवहार सुधार कार्यशालाओं की आवश्यकता है। साथ ही, स्कूलों और जिलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विद्यार्थियों का सीखने का माहौल सुरक्षित, स्वस्थ और प्रेरणादायक हो।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने स्थानीय लोगों और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। कई अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से अपील की है कि ऐसे मामलों को अधिक संजीदगी से लिया जाए और शिक्षा जगत की विश्वसनीयता बचाने के लिए कड़ी कार्रवाई हो। साथ ही वे चाहते हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उचित निगरानी व नियम लागू किए जाएं।

वहीं, नालागढ़ की स्थानीय सरकार और जिला शिक्षा अधिकारी ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए विद्यालयों में निगरानी बढ़ाने, अनुशासन समिति गठित करने और शिक्षकों के व्यवहार जांचने के निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने यह भी कहा कि ऐसे किसी भी शिक्षण व्यवसायी कर्मचारी की गलती बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

साथ ही, राज्य सरकार शिक्षा के स्तर को बढ़ाने और अनुशासन सुधारने के लिए विभिन्न नई पहलों को लागू करने जा रही है। इसमें शिक्षकों के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण मॉड्यूल, काउंसलिंग सेशंस और ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम शामिल हैं ताकि ऑनलाइन कक्षाओं और विद्यालयों की नियमित समीक्षा हो सके।

यह घटना शिक्षा जगत के लिए एक कड़ा संदेश है कि अनुशासन और जिम्मेदारी की सीमाएं पार नहीं होने दें। शिक्षकों को न केवल विषय सीखाना है बल्कि अपने छात्रों के लिए आदर्श भी बनना है। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने के लिए सभी स्तरों पर सहयोग, जागरूकता और कड़ी निगरानी जरूरी है।

अंत में, यह मामला समाज को यह याद दिलाता है कि शिक्षा केवल किताबों या कक्षा तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें शिक्षक की योग्यता, व्यवहार और प्रतिबद्धता भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर ये सफलतापूर्वक निभाई जाती है, तभी बच्चे स्वस्थ सोच और बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।

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