हिमाचल के कई जिलों में डीसी और एसपी के तबादले की तैयारी
हिमाचल के कई जिलों में डीसी और एसपी के तबादले की तैयारी

Post by : Shivani Kumari

Nov. 1, 2025 5:23 p.m. 163

हिमाचल प्रदेश में नवंबर महीने के साथ ही प्रशासनिक हलचल और तबादलों का दौर शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने जिलों में लंबे समय से तैनात उपायुक्तों (डीसी) और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को बदलने की पूरी तैयारी कर ली है। यह फेरबदल नवंबर के दूसरे सप्ताह तक संभव माना जा रहा है। सरकार का फोकस उनके जिलों पर है, जहां डीसी और एसपी दो वर्षों या उससे अधिक समय से कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा इसे लेकर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि अब जिलों में नए ऊर्जा और दृष्टिकोण के साथ अधिकारी भेजे जाएंगे। उद्देश्य यह है कि विकास योजनाओं को समय पर लागू किया जा सके और प्रशासनिक व्यवस्था में नई सक्रियता लाई जाए।

हिमाचल प्रदेश के कुल 12 जिलों में से लगभग आधे जिलों में अधिकारी 2023 या उससे पहले से तैनात हैं। इन अधिकारियों का स्थानांतरण न केवल प्रशासनिक नियमों के तहत, बल्कि जनता की प्रतिक्रिया और जिलों के प्रदर्शन के आधार पर भी किया जाएगा। अगले दो वर्षों में सरकार कई बड़ी योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए प्रयासरत है। इसी को ध्यान में रखकर नियुक्तियां की जाएंगी, ताकि योजनाओं को तेजी से लागू किया जा सके और जमीनी स्तर पर परिणाम मिल सकें। कार्मिक विभाग को डीसी और एसपी के अलावा सचिवालय स्तर पर भी ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार करने के निर्देश मिले हैं, जो एक ही विभाग में लंबे समय से कार्यरत हैं।

राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं, और अब सरकार की रणनीति है कि अगले दो वर्षों में इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर अधिक मजबूती और गति मिले। इसके लिए अधिकारियों के तबादले और नियुक्तियां सरकार की समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा हैं। विभागीय समीक्षा बैठकों के बाद ही अंतिम रूप से फेरबदल सूची पर निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री के कार्यालय में विभागवार समीक्षा बैठकें आयोजित हो रही हैं, जिसमें जिलों के प्रशासनिक प्रदर्शन और योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा की जा रही है।

प्रशासनिक फेरबदल हिमाचल प्रदेश की परंपरागत कार्यशैली का हिस्सा हैं, जहां समय-समय पर अधिकारियों के तबादले सरकार की प्राथमिकताओं और योजनाओं के अनुरूप किये जाते हैं। हाल ही में राज्य सरकार द्वारा सात एचएएस अधिकारियों, पांच आईपीएस अधिकारियों और नौ पुलिस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए गए हैं। इसमें उपमंडल अधिकारी, सहायक आयुक्त, और अन्य पदों पर नए अधिकारियों की तैनाती की गई है।

पंचायत चुनावों और राज्य के आगामी कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक फेरबदल की गति और बढ़ रही है। सरकार का प्रयास है कि चुनावी फेरबदल के दौरान जिलों में ऐसे अधिकारी रहे, जो प्रशासनिक कार्य कुशलता और निष्पक्षता से निभा सकें। नवंबर महीने में कार्मिक विभाग पूरी तरह से सूची तैयार करने में जुटा है, और इसके बाद ही फाइनल सूची सार्वजनिक रूप से जारी की जाएगी। अब तक के फेरबदल के बाद कई जिलों और विभागों में नए अधिकारी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। प्रति जिले में नियुक्तियां प्रशासनिक प्रदर्शन, जनता की प्रतिक्रिया, और सरकार के योजनागत उद्देश्य के अनुसार की जा रही हैं।

ध्यान देने योग्य है कि, आगामी 11 दिसंबर को कांग्रेस सरकार का तीन साल कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, और राज्य स्तर पर सरकार उपलब्धियों का ब्योरा जनसभा में पेश करेगी। इसी अवसर पर नए प्रशासनिक दल के साथ सरकार आगामी दो वर्षों का रोडमैप जनता के सामने लाने वाली है। ऐसे में जिलेवार रिपोर्ट तैयार हो रही है और फेरबदल सूची की अंतिम मुहर समीक्षा बैठकों के बाद लगेगी।

राज्य के प्रमुख विभाग जैसे वित्त, शिक्षा, लोक निर्माण, स्वास्थ्य और उद्योग में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है। जिन अधिकारियों ने जिलों में बेहतर प्रदर्शन किया है, उन्हें सचिवालय या अन्य महत्वपूर्ण विभागों में लाने की रणनीति बनी हुई है। सचिवालय स्तर पर भी ऐसे अफसरों की सूची तैयार हो रही है, जो लंबे समय से एक ही विभाग में कार्यरत हैं।

सरकार का इरादा है कि सभी नियुक्तियां प्रशासनिक योग्यता, प्रदर्शन और योजनागत आवश्यकताओं के अनुसार हों। आगामी कुछ सप्ताहों में तबादलों की प्रक्रिया पूरी तरह से सामने आ जाएगी। ऐसे अधिकारी जिनका स्थानांतरण हो चुका है, वे अपनी नई जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। पंचायत चुनावों के बाद भी तबादलों का यह सिलसिला जारी रह सकता है, क्योंकि सरकार ने चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम उठाया है।

इन फेरबदल से अधिकारी प्रशासनिक कार्यों में नई ऊर्जा और उत्साह के साथ कार्य करेंगे। जिला स्तर पर निर्णायक योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अधिकारी जनता से बेहतर संवाद स्थापित करेंगे और सरकार की प्राथमिक योजनाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे, और सामाजिक विकास को प्राथमिकता के आधार पर लागू करेंगे। विभागीय सचिवों के बदलाव से सरकार की कार्यशैली में नयापन आएगा, और प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

संक्षेप में, हिमाचल प्रदेश में नवंबर माह प्रशासनिक दृष्टि से बदलाव का समय है। जिलों के डीसी और एसपी समेत विभागीय सचिवों के तबादले न केवल राज्य के प्रशासनिक ढांचे को मजबूती देंगे बल्कि सरकार की विकास योजनाओं को टारगेट के अनुसार लागू करने में सहायक बनेंगे। हिमाचल प्रदेश के नागरिकों को इससे न सिर्फ बेहतर सेवाएं मिलेंगी, बल्कि प्रशासनिक तंत्र में पारदर्शिता और सक्रियता भी दिखाई देगी। सरकार के इन कदमों से प्रदेश का प्रशासनिक भविष्य उज्जवल और रचनात्मक बनाने की दिशा में मार्ग प्रशस्त होगा।

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