नील उत्पत्ति का न्यू ग्लेन रॉकेट: पुनः उपयोग की क्रांतिकारी सफलता
नील उत्पत्ति का न्यू ग्लेन रॉकेट: पुनः उपयोग की क्रांतिकारी सफलता

Post by : Shivani Kumari

Nov. 10, 2025 11:28 a.m. 214

दूसरा चरण  नील उत्पत्ति  से चलता है, जो तरल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का उपयोग करता है और यह उच्च वैक्यूम में काम करता है। यह दूसरा चरण रॉकेट को लो अर्थ ऑर्बिट (निर्यात आदेश दें) तक लगभग 45,000 किलोग्राम और जियोस्टेशनरी ट्रांसफर ऑर्बिट ( गेट टर्न-ऑफ) तक लगभग 13,000 किलोग्राम भारी पेलोड भेजने में सक्षम बनाता है। न्यू ग्लेन की डिजाइन में बड़े उपग्रहों या अंतरिक्ष अभियानों के लिए पर्याप्त बड़े रॉकेट फेयरिंग की व्यवस्था है, जो आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों और उपग्रहों को सुरक्षित रखती है।
नील उत्पत्ति ने न्यू ग्लेन के पहले उड़ान परीक्षण में सफलता हासिल की थी जब यह रॉकेट पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा, लेकिन पहले चरण की लैंडिंग सफलता पूर्वक नहीं हो पाई। यह एक महत्वपूर्ण सीख थी जो कंपनी को अपने पुनः उपयोगी रॉकेट के डिजाइन और संचलन में सुधार करने में मदद करेगी। कंपनी ने वर्ष 2025 में छह से आठ बार इस रॉकेट की उड़ानें भरने की योजना बनाई है, जिससे वह अंतरिक्ष यात्रा और उपग्रह वितरण बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर सके।
न्यू ग्लेन का दूसरा मिशन नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के हर्षोल्लास की यात्रा कार्यक्रम के तहत है, जिसमें दो छोटे मंगल ग्रह के वैज्ञानिक यान 'ब्लू' और 'गोल्ड' शामिल हैं। इन यानों का उद्देश्य मंगल ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र और उसके वायुमंडल में सौर हवा द्वारा होने वाले प्रभावों का अध्ययन करना है। इसके जरिए वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे अरबों वर्षों में सूर्य की सौर हवाओं ने मंगल के वायुमंडल को कमज़ोर किया और ग्रह के जीवन अनुकूल परिस्थितियों पर प्रभाव डाला। मिशन की खासियत यह है कि ये यान पहले पृथ्वी-सौर के लग्रांज पॉइंट L2 पर पहुंचेंगे और फिर मंगल की ओर प्रस्थान करेंगे।
हालांकि, इस मिशन के प्रक्षेपण को खराब मौसम और तकनीकी कारणों से कई बार स्थगित किया गया है। नील उत्पत्ति ने इसे बुधवार, 12 नवंबर को दोपहर 2:50 बजे से 4:17 बजे के बीच लॉन्च करने की योजना बनाई है। सुरक्षा के कारण यह इंतजार जरूरी था, जिससे मिशन की सफलता सुनिश्चित की जा सके। यदि यह मिशन सफल होता है, तो यह नील उत्पत्ति के लिए पुनः उपयोग की तकनीक को सफलता से साबित करने का मौका होगा और इससे अंतरिक्ष यात्रा की लागत कम होगी।
नील उत्पत्ति की यह पहल अंतरिक्ष उद्योग के इतिहास में पुनः उपयोगी रॉकेट की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे स्पेसएक्स जैसी कंपनी के साथ प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और भारी भार उठाने वाले मिशनों की संख्या बढ़ेगी। इस तकनीक का फायदा यह होगा कि अंतरिक्ष नौवहन सस्ता और अधिक बार संभव होगा। न्यू ग्लेन की सफलता से न केवल भारत जैसे विकसित और विकासशील देशों को अंतरिक्ष की उन्नत यात्रा में सहयोग मिलेगा, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण और अनुसंधान के नए मार्ग भी खुलेंगे।
नील उत्पत्ति ने इस प्रोजेक्ट में अरबों डॉलर निवेश किए हैं और केप कैनावेऱ स्पेस फोर्स स्टेशन में एक अत्याधुनिक लॉन्च कॉम्प्लेक्स स्थापित किया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रक्षेपण प्रक्रिया सहज और सुरक्षित हो। न्यू ग्लेन के सफल प्रक्षेपण से भविष्य में अंतरिक्ष पर्यटन, गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण, तथा मंगल ग्रह पर मानवीय मिशनों को गति मिलेगी।
इस प्रकार, न्यू ग्लेन रॉकेट नील उत्पत्ति की तकनीकी प्रगति और वैज्ञानिक योगदान का प्रतीक है, जो पुनः उपयोग आधारित रॉकेट प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। इसका महत्व न केवल अंतरिक्ष उद्योग की आर्थिक सफलता के लिए है, बल्कि यह मानवता के लिए अंतरिक्ष में नए ज्ञान और संभावनाओं के द्वार भी खोलेगा। इस अभियान में मंगल ग्रह की विज्ञान पद्धति तथा पुनः उपयोगी प्रक्षेपण तकनीक दो महत्वपूर्ण आयाम शामिल हैं, जो अंतरिक्ष के भविष्य को परिभाषित करेंगे।
समान प्रेरक कहानियां पढ़ें:

 1. तेलंगाना बड़े सड़क प्रोजेक्ट्स

 2. एर्नाकुलम–बेंगलुरु वंदे भारत लॉन्च

 3. आर्थिक सुधार भारत

#हिमाचल प्रदेश #ब्रेकिंग न्यूज़ #ताज़ा खबरें #न्यू ग्लेन डिज़ाइन
अनुच्छेद
प्रायोजित
ट्रेंडिंग खबरें
तिब्बत में भूकंप के दो झटके, 4.1 तीव्रता से हिला पहाड़ी इलाका चंबा: यौन शोषण केस में BJP विधायक हंसराज से पुलिस की पूछताछ हिमाचल: ऑपरेशन सिंदूर में आईआईटी मंडी के तैयार ड्रोन का अहम उपयोग हिमाचल: पुलिस गाड़ी पर CM की फोटो से विवाद, BJP ने उठाए सवाल अंडर-16 स्टेट कबड्डी चैंपियनशिप 15-16 नवंबर को हमीरपुर में शुरू IPL 2026 ट्रेड: जडेजा के डील के बीच चेन्नई सुपर किंग्स को झटका, गुजरात ने सुंदर के लिए ऑफर ठुकराया IND vs SA: ऋषभ पंत की वापसी पर बोले सौरव गांगुली, ध्रुव जुरेल की जगह पर जताई चिंता बॉलीवुड में चिंता की लहर: धर्मेंद्र के बाद प्रेम चोपड़ा की तबीयत नासाज़, अस्पताल में भर्ती