एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू, तीन राज्यों को जोड़े
एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू, तीन राज्यों को जोड़े

Post by : Shivani Kumari

Nov. 8, 2025 9:41 p.m. 224

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2025 को वर्चुअल रूप से केरल के एर्नाकुलम और कर्नाटक के बेंगलुरु के बीच चलने वाली नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन किया। यह ट्रेन दक्षिण रेलवे की पहली अंतर-राज्यीय अर्ध-तेज़गति सेवा है, जो केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक को जोड़ती है। आठ कोच वाली यह ट्रेन 583 किलोमीटर की दूरी मात्र 8 घंटे 40 मिनट में तय करती है, जो पहले के 11 घंटे से अधिक समय की तुलना में करीब दो घंटे की महत्वपूर्ण बचत है।

यह ट्रेन बेंगलुरु से सुबह 5:10 बजे प्रस्थान करती है और दोपहर 1:50 बजे एर्नाकुलम पहुंचती है। वापसी मार्ग में एर्नाकुलम से दोपहर 2:20 बजे प्रस्थान कर रात 11 बजे बेंगलुरु पहुंचती है। यह सेवा सप्ताह में छह दिन चलती है, जिनमें बुधवार अवकाश होता है। ट्रेन अपने मार्ग में त्रिशूर, पलक्कड़, कोयंबटूर, तिरुप्पुर, इरोड, सलेम तथा कृष्णराजपुरम जैसे प्रमुख शहरों से गुजरती है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि यह सेवा दक्षिण भारत के तीन राज्यों की प्रमुख औद्योगिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक केंद्रों को जोड़ती है।

ट्रेन की विशेषताओं में आरामदायक एयर-कंडीशन्ड कोच, स्वचालित दरवाजे, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, बायो-वैक्यूम शौचालय और ऑन-बोर्ड कैटरिंग जैसी सुविधाएं शामिल हैं। यह तकनीक यात्रियों को विशिष्ट और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करती है। सीटों के दो विकल्प उपलब्ध हैं: एसी चेयर कार जिसकी किराया लगभग ₹1615 है और एक्जीक्यूटिव क्लास जिसकी कीमत लगभग ₹2980 है, जिसमें आरक्षण शुल्क और कर अलग से लागू होते हैं।

यह ट्रेन की शुरुआत से व्यापार, पर्यटन, शिक्षा और सामाजिक संपर्कों में वृद्धि होने की उम्मीद है। आईटी पेशेवर, छात्र और व्यापारी इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं, जो “वन डे ट्रिप” को संभव बनाती है यानी एक ही दिन में आने-जाने की सुविधा। इससे दक्षिण भारत में आर्थिक गतिशीलता और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में वृद्धि होगी।

वंदे भारत एक्सप्रेस देश की आधुनिक रेलवे प्रणाली के प्रतीक के रूप में उभरी है और यह तेज़, सुरक्षित एवं आरामदायक यात्रा का नया मानक स्थापित करती है। इससे पारंपरिक एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में बेहतर समयपालन और सुविधा मिलती है, जो यात्रियों के लिए बड़ी राहत है। इसके चलने से केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच सामाजिक-आर्थिक संबंध मजबूती प्राप्त करेंगे और छोटे-मध्यम उद्योगों तथा व्यापारिक गतिविधियों को सहारा मिलेगा।

यह विशेष रेल सेवा न सिर्फ दक्षिण भारत की यात्रा को सरल और आरामदेह बनाने वाली है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास में भी अभूतपूर्व भूमिका निभाएगी। यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए इस ट्रेन का परिचालन क्षेत्रीय सफर को नया आयाम देगा और भारतीय रेलवे के तीव्र गति एवं आधुनिकता के अभियान को आगे बढ़ाएगा।

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