माउंट एवरेस्ट पर बर्फीला तूफ़ान 2025: सैकड़ों पर्वतारोही फंसे, रेस्क्यू अभियान जारी
माउंट एवरेस्ट पर बर्फीला तूफ़ान 2025: सैकड़ों पर्वतारोही फंसे, रेस्क्यू अभियान जारी

Post by : Shivani Kumari

Oct. 7, 2025 5:33 p.m. 112

एवरेस्ट तूफ़ान : रेस्क्यू अभियान और मौसम अपडेट

अक्टूबर 2025 में, माउंट एवरेस्ट के कांगशुंग फेस पर अचानक आए बर्फीले तूफ़ान ने पर्वतारोहियों को चौंका दिया। यह तूफ़ान 4,900 मीटर की ऊँचाई पर स्थित शिविरों को बर्फ से ढक गया और लगभग 1,000 पर्वतारोहियों को फंसा दिया। इस घटना ने पर्वतारोहण के जोखिमों और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को उजागर किया।

माउंट एवरेस्ट पर बर्फीला तूफान, रेस्क्यू अभियान चल रहा है

तूफ़ान का प्रारंभ और प्रभाव

तूफ़ान शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025 की रात को शुरू हुआ और शनिवार, 4 अक्टूबर तक जारी रहा। अचानक हुई तेज़ बर्फबारी ने शिविरों की छतें ढहा दी और मार्ग अवरुद्ध कर दिए। पर्वतारोहियों को हर 10 मिनट में बर्फ हटाने के लिए प्रयास करना पड़ा।

प्राकृतिक परिस्थितियाँ और जोखिम

इस बर्फीले तूफ़ान के कारण तापमान –25 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। तेज़ हवाएँ और हिमाच्छादन ने पर्वतारोहियों की स्थिति और विकट बना दी। कई पर्वतारोहियों को हल्के और गंभीर शीत चोटें आईं।

उच्च ऊँचाई पर श्वसन और स्वास्थ्य समस्याएँ

4,500 मीटर से अधिक ऊँचाई पर ऑक्सीजन की कमी और थकान प्रमुख समस्याएँ बन गईं। रेस्क्यू टीमों ने पर्वतारोहियों को ऑक्सीजन सिलेंडर और गर्म कपड़े उपलब्ध कराए।

रेस्क्यू अभियान की चुनौतियाँ

रेस्क्यू टीमों ने कठिन परिस्थितियों में काम किया। बर्फबारी, तेज़ हवाएँ और शीतलहर ने बचाव कार्य को जटिल बना दिया। स्थानीय ग्रामीणों और बैलों का इस्तेमाल करके पर्वतारोहियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया गया।

रेस्क्यू उपकरण और तकनीक

रेस्क्यू ऑपरेशन में हेलीकॉप्टर, बर्फ काटने के उपकरण, GPS ट्रैकिंग और रेडियो संचार का उपयोग किया गया। यह उच्च ऊँचाई पर एक चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था।

जलवायु परिवर्तन और पर्वतारोहण

इस अप्रत्याशित तूफ़ान ने जलवायु परिवर्तन के संकेत दिए हैं। ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम चक्र में बदलाव आ रहा है। उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में असामान्य मौसम घटनाएँ बढ़ रही हैं।

ग्लेशियर और हिमनदों पर प्रभाव

ग्लेशियरों की स्थिति बदल रही है। तेजी से पिघलते हिमनद और अस्थिर बर्फीले ढलान पर्वतारोहियों के लिए खतरा बढ़ा रहे हैं।

पर्वतारोहण मार्ग और जोखिम प्रबंधन

पर्वतारोहियों को मौसम की भविष्यवाणी और सुरक्षा उपायों के प्रति सतर्क रहना आवश्यक है। सुरक्षित मार्ग और नियमित प्रशिक्षण आवश्यक हैं।

नेपाल में भी मौसम की मार

तिब्बत में तूफ़ान के साथ-साथ नेपाल में भी भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएँ हुईं। कई लोगों की जान गई और संपत्ति का नुकसान हुआ। नेपाल सरकार और स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों में तेजी दिखाई।

स्थानीय प्रशासन की तैयारी

नेपाल सरकार ने कंट्रोल रूम और आपातकालीन केंद्र स्थापित किए हैं। पर्वतारोहियों और स्थानीय लोगों के लिए सूचना और मदद उपलब्ध कराई जा रही है।

स्थानीय समुदाय और सहायता

स्थानीय ग्रामीणों ने रेस्क्यू ऑपरेशन में सक्रिय भागीदारी दिखाई। उन्होंने पर्वतारोहियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने में मदद की।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अंतरराष्ट्रीय टीमों ने नेपाली रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद प्रदान की। यूएन और हिमालयन सुरक्षा संगठनों ने मानवीय सहायता भेजी।

सामग्री और उपकरण

रेस्क्यू उपकरण और मेडिकल किट्स हेलीकॉप्टर और ट्रेकिंग मार्गों से आपूर्ति किए गए। प्राथमिकता सबसे जोखिम भरे क्षेत्रों से बचाव करना थी।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग का महत्व

अंतरराष्ट्रीय सहयोग से समय पर बचाव संभव हुआ। इस सहयोग ने लाखों डॉलर के नुकसान और जान-माल के नुकसान को कम किया।

पर्वतारोहण सुरक्षा और भविष्य के उपाय

इस घटना के बाद सुरक्षा उपायों की आवश्यकता बढ़ गई है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि पर्वतारोहियों को उच्च गुणवत्ता वाले गियर, प्रशिक्षण और मौसम की जानकारी के साथ यात्रा करनी चाहिए।

सुरक्षा गाइडलाइन और प्रशिक्षण

ऑक्सीजन सिलेंडर, GPS डिवाइस, हेलमेट और गर्म कपड़े अनिवार्य हैं। पर्वतारोहियों को आपातकालीन स्थितियों में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

प्रशासनिक नियम और निगरानी

स्थानीय प्रशासन और पर्यटन विभाग को सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करना चाहिए। कंट्रोल रूम और इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर स्थापित किए जाने चाहिए।

प्राकृतिक आपदाओं की तैयारी

भूकंप, बर्फीले तूफ़ान और भूस्खलन के लिए आपदा प्रबंधन योजनाएँ पहले से तैयार रखी जानी चाहिए।

स्थानीय और वैश्विक सुरक्षा नेटवर्क

स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय टीमों के बीच समन्वय स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है। इससे बचाव कार्य तेज और सुरक्षित होगा।

पर्वतारोहियों ने साझा की तूफ़ान की आपबीती Mount Everest Blizzard Rescue

पर्वतारोहियों की कहानियाँ

पर्वतारोहियों ने अपने अनुभव साझा किए। कई लोग “सफेद मौत” जैसी स्थिति से बचकर लौटे। उनकी कहानियों ने सुरक्षा और तैयारी की आवश्यकता को उजागर किया।

संकट के दौरान मानव धैर्य

रेस्क्यू ऑपरेशन में पर्वतारोहियों की धैर्य और साहस की कहानी सामने आई। कई लोगों ने साथी पर्वतारोहियों की जान बचाई।

माउंट एवरेस्ट पर तूफान में फंसे पर्वतारोही

सहायता और आपसी सहयोग

सहयोग और टीम भावना ने संकट को कम करने में मदद की। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय टीमों ने मिलकर पर्वतारोहियों को सुरक्षित निकाला।

भविष्य के लिए सबक

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि पर्वतारोहण में तैयारी, तकनीक, और सुरक्षा उपाय सर्वोपरि हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहना अनिवार्य है।

तकनीकी सुधार और नवाचार

GPS ट्रैकिंग, मौसम पूर्वानुमान ऐप और ऑक्सीजन डिवाइस में सुधार जरूरी हैं। यह भविष्य में पर्वतारोहियों की सुरक्षा बढ़ाएगा।

सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी

पर्वतारोहण के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा और स्थानीय समुदायों की सहायता भी आवश्यक है।

माउंट एवरेस्ट पर अक्टूबर 2025 का बर्फीला तूफ़ान पर्वतारोहियों, प्रशासन और वैश्विक समुदाय के लिए चेतावनी है। सुरक्षा, तैयारी और आपसी सहयोग ही जीवन और संपत्ति की रक्षा कर सकते हैं। यह घटना जलवायु परिवर्तन और पर्वतारोहण के जोखिमों पर ध्यान केंद्रित करती है।

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