हिमाचल प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल और मंदिर यात्रा गाइड
हिमाचल प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल और मंदिर यात्रा गाइड

Post by : Shivani Kumari

Oct. 13, 2025 12:57 p.m. 159

हिमाचल प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल और उनकी रोचक पौराणिक कथाएँ

हिमाचल प्रदेश केवल अपने सुरम्य प्राकृतिक दृश्यों और पर्वतीय सौंदर्य के लिए ही नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ के मंदिर, शक्तिपीठ और धार्मिक स्थल न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र हैं, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का प्रमुख स्रोत हैं। हर मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथाएँ, चमत्कारी घटनाएँ और स्थानीय परंपराएँ हिमाचल की सांस्कृतिक धरोहर को और समृद्ध बनाती हैं। इस आर्टिकल में हम हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मंदिरों और धार्मिक स्थलों की विस्तृत जानकारी साझा करेंगे।

1. ज्वालामुखी मंदिर, कांगड़ा

ज्वालामुखी मंदिर हिमाचल प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यहाँ देवी की मूर्ति नहीं है, बल्कि धरती से निकलती नौ अखंड ज्योतियाँ देवी के दिव्य अस्तित्व का प्रतीक हैं।

पौराणिक कथाएँ

  1. सती की जीभ: जब भगवान शिव ने सती का शरीर उठाया था, उसकी जीभ यहीं गिर गई थी। यही स्थान ज्वालामुखी मंदिर के रूप में प्रसिद्ध हुआ।
  2. अकबर की कथा: मुग़ल सम्राट अकबर ने इन ज्योतियों को बुझाने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहा।
  3. नौ अखंड ज्योतियाँ: मंदिर की नौ ज्योतियाँ कभी नहीं बुझतीं।
  4. आध्यात्मिक शक्ति: कहा जाता है कि यहाँ दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है।
  5. चमत्कारी हवन: नवरात्रि में हवन करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।
  6. भक्तों की मन्नत: भक्त यहाँ अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं।

त्यौहार और उत्सव

  • चैत्र और आश्विन नवरात्रि में विशेष पूजा
  • दसरा पर्व पर भी विशेष आयोजन

यात्रा मार्ग

कांगड़ा शहर से लगभग 40 किमी दूर, सड़क मार्ग से पहुँचना आसान है।

2. हिडिंबा देवी मंदिर, मनाली

हिडिंबा देवी मंदिर महाभारत की वीरांगना हिडिंबा को समर्पित है। यह मंदिर मनाली के डूंगरी वन क्षेत्र में स्थित है। कहा जाता है कि भीम ने यहीं हिडिंबा से विवाह किया था।

पौराणिक कथाएँ

  1. भीम और हिडिंबा का विवाह
  2. मंदिर की वास्तुकला लकड़ी और पत्थर से बनी है, जो पहाड़ी स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है।
  3. देवी हिडिंबा की शक्ति और वीरता की गाथा।
  4. स्थानीय वन क्षेत्र में देवी का वास।
  5. मंदिर की कलाकृतियाँ और शिल्पकला।
  6. सदियों से चली आ रही पूजा परंपरा।

त्यौहार और उत्सव

  • नवरात्रि में विशेष पूजा
  • स्थानीय मेलों में मंदिर की झाँकियाँ

यात्रा मार्ग

मनाली से 3 किमी, ट्रेकिंग और सड़क मार्ग दोनों विकल्प उपलब्ध।

3. कमरूनाग मंदिर और झील, मंडी

कमरूनाग देवता को वर्षा के देवता माना जाता है। यहाँ भक्त झील में सोने-चाँदी के आभूषण और सिक्के अर्पित करते हैं। कहा जाता है कि झील का गहराई आज तक कोई नाप नहीं पाया। यक्ष इस धन की रक्षा करते हैं।

पौराणिक कथाएँ

  1. कमरूनाग देवता की वर्षा देवता के रूप में पूजा
  2. झील में अर्पित वस्तुएँ कभी नहीं डूबतीं।
  3. स्थानीय मान्यता अनुसार इच्छाएँ पूर्ण होती हैं।
  4. भक्तों को स्वप्न में देवता दर्शन देने की कथा।
  5. यक्षों द्वारा झील का संरक्षण।
  6. मुक्ति पाने वाले भक्तों की कथाएँ।

त्यौहार और उत्सव

  • बैसाखी और अन्नकूट पर विशेष पूजा
  • स्थानिक मेलों में झील की पूजा

यात्रा मार्ग

मंडी से 15 किमी सड़क मार्ग। पैदल ट्रेक विकल्प भी उपलब्ध।

4. शिकारी देवी मंदिर, मंडी

यह मंदिर बर्फबारी के बावजूद अपनी छत पर बर्फ टिकने न पाने के कारण प्रसिद्ध है। स्थानीय कथा अनुसार, देवी स्वयं शिकारी रूप में प्रकट हुई थीं।

पौराणिक कथाएँ

  1. देवी का शिकारी रूप में प्रकट होना
  2. छत पर बर्फ न टिकने का चमत्कार
  3. स्थानीय शिकारी समुदाय की श्रद्धा
  4. भक्तों की मन्नत पूरी होने की कथाएँ
  5. मंदिर के आस-पास के जंगलों में देवी की शक्ति का अनुभव
  6. पर्वतीय स्थलों में धार्मिक अनुष्ठान

त्यौहार और उत्सव

  • नवरात्रि और स्थानीय पर्व
  • स्थानीय मेलों में विशेष पूजा

यात्रा मार्ग

मंडी से सड़क मार्ग द्वारा पहुँचना आसान।

5. बाबा बालकनाथ मंदिर, हमीरपुर

यह मंदिर संतान प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध है। बाबा बालकनाथ भगवान दत्तात्रेय के शिष्य माने जाते हैं। यहाँ "रोट" प्रसाद चढ़ाया जाता है।

पौराणिक कथाएँ

  1. सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों को संतान की प्राप्ति
  2. रोट प्रसाद का महत्व
  3. बाबा बालकनाथ के चमत्कारी दर्शन
  4. स्थानीय भक्तों की कथाएँ
  5. मकर संक्रांति और बालकनाथ मेला
  6. भक्तों के अनुभव और चमत्कार

त्यौहार और उत्सव

  • मकर संक्रांति
  • बालकनाथ मेला

यात्रा मार्ग

हमीरपुर से 20 किमी, सड़क मार्ग द्वारा आसान पहुँच।

6. नैना देवी मंदिर, बिलासपुर

यह शक्तिपीठ देवी सती की आँखों के गिरने की कथा से प्रसिद्ध है। नैना पर्वत पर स्थित यह मंदिर दूर-दूर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

पौराणिक कथाएँ

  1. देवी सती की आँखें गिरीं यहाँ
  2. भक्तों को दिव्य दर्शन मिलने की कथाएँ
  3. स्थानीय पूजा और अनुष्ठान
  4. नैना पर्वत से अद्भुत दृश्यावलोकन
  5. मेला और त्योहारों में विशेष आयोजन
  6. स्थानीय लोगों की कथाएँ और अनुभव

त्यौहार और उत्सव

  • नवरात्रि
  • चैत्र और आश्विन में विशेष आयोजन

यात्रा मार्ग

बिलासपुर से सड़क मार्ग द्वारा पहुँचना आसान।

7. बिजली महादेव मंदिर, कुल्लू

यह मंदिर शिवलिंग पर बिजली गिरने के चमत्कार के लिए प्रसिद्ध है।

पौराणिक कथाएँ

  1. महादेव स्वयं जन-कल्याण हेतु बिजली गिराते हैं
  2. स्थानीय लोगों की श्रद्धा और अनुभव
  3. भक्तों की मन्नत पूरी होने की कथाएँ
  4. शिवलिंग पर बिजली गिरने की अद्भुत घटना
  5. स्थानीय पर्वतीय दृश्य
  6. मंदिर के आस-पास प्राकृतिक सौंदर्य

त्यौहार और उत्सव

  • महाशिवरात्रि

यात्रा मार्ग

कुल्लू से सड़क मार्ग द्वारा पहुँच।

 

8. मणिकरण साहिब, कुल्लू

गुरुद्वारा और सल्फर के गर्म झरनों के लिए प्रसिद्ध।

पौराणिक कथाएँ

  1. गुरु नानक जी का लंगर और गर्म पानी का चमत्कार
  2. भक्तों के चमत्कारी अनुभव
  3. गुरुद्वारा का ऐतिहासिक महत्व
  4. हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता
  5. स्थानीय लोगों की मान्यता
  6. धार्मिक अनुष्ठान और पर्व

त्यौहार और उत्सव

  • गुरु नानक जयंती

यात्रा मार्ग

कुल्लू से सड़क मार्ग और पैदल ट्रेक विकल्प।

 

9. चामुंडा देवी मंदिर, कांगड़ा

कांगड़ा घाटी में स्थित शक्तिपीठ। देवी ने यहीं चंड-मुंड असुरों का वध किया।

पौराणिक कथाएँ

  1. चंड-मुंड असुरों का वध कथा
  2. शक्ति स्थल का महत्व
  3. स्थानीय भक्तों की श्रद्धा
  4. मंदिर की ऐतिहासिकता
  5. स्थानीय कलाएँ और पूजा
  6. मेला और उत्सव

यात्रा मार्ग

कांगड़ा से सड़क मार्ग द्वारा पहुँचना।

 

10. लुटरु महादेव मंदिर, सोलन

भगवान शिव को सिगरेट अर्पित करने की अनोखी परंपरा।

पौराणिक कथाएँ

  1. भक्तों की मन्नत पूरी होने की कथाएँ
  2. शिव की कृपा और चमत्कार
  3. स्थानीय मान्यता
  4. अन्य अर्पण की परंपरा
  5. स्थानीय समुदाय की श्रद्धा

 

11. कुंजुम देवी मंदिर, स्पीति

यह मंदिर वाहन चालकों को आशीर्वाद देने के लिए प्रसिद्ध।

पौराणिक कथाएँ

  1. कुंजुम देवी की शक्ति की कथाएँ
  2. यात्रियों की सुरक्षा हेतु आशीर्वाद
  3. स्थानीय परंपरा और मान्यता
  4. धार्मिक अनुष्ठान
  5. स्थानीय अनुभव और कथाएँ

यात्रा मार्ग

स्पीति के उच्च पर्वतीय मार्ग पर स्थित।

हिमाचल प्रदेश के धार्मिक स्थल, पौराणिक कथाओं, चमत्कारों, प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय परंपराओं के मिश्रण से अनोखे हैं। ये स्थल न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करते हैं, बल्कि पर्यटन के दृष्टि से भी अत्यंत आकर्षक हैं। हिमाचल की यात्रा पर जाएँ तो इन मंदिरों और स्थलों का अनुभव अवश्य करें।

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