राजस्व मंत्री का आश्चर्यजनक निरीक्षण पांगी घाटी के स्कूलों में लापरवाही उजागर करता है
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Post by : Shivani Kumari

Oct. 22, 2025 2:07 p.m. 182

हिमाचल के कोकसर और रोहतांग दर्रे में प्रारंभिक बर्फबारी ने पर्यटन को नई ऊर्जा दी

शिमला, 22 अक्टूबर 2025 — हिमाचल प्रदेश के ऊंचे क्षेत्र, विशेष रूप से लाहौल स्पीति जिले के कोकसर और रोहतांग दर्रे में आज प्रारंभिक बर्फबारी हुई, जो सर्दी के मौसम की शुरुआत से पहले ही हो गई। इस अप्रत्याशित मौसम ने न केवल क्षेत्र को सफेद चादर से ढक दिया है, बल्कि पर्यटन से जुड़े लोगों के बीच आशा की किरण भी जगाई है कि ऑफ-सीजन में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।

दृश्य परिवर्तन और पर्यटकों का आकर्षण

बुधवार की सुबह हुई बर्फबारी ने पहाड़ी इलाकों को सफेद रंग में रंग दिया, जो आमतौर पर सर्दियों के चरम महीनों में देखा जाता है। स्थानीय मीडिया ने इस दृश्य को वीडियो में कैद किया, जिसमें बर्फ से ढके रास्ते, गांव और हिमालय की भव्य चोटियां दिखाई गईं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया और दर्शकों को वहां जाकर खुद देखने के लिए प्रेरित किया।

कोकसर और रोहतांग दर्रे की ऊंचाई

कोकसर, लगभग 3,140 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक छोटा गांव है, और रोहतांग दर्रा 3,978 मीटर पर स्थित है। प्रारंभिक बर्फबारी ने इन क्षेत्रों को सर्दियों की जादुई दुनिया में बदल दिया है, जो साहसिक कार्य करने वालों, फोटोग्राफरों और भीड़ से दूर रहने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती है।

मौसम विज्ञान संबंधी जानकारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने हिमाचल प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया था। प्रारंभिक बर्फबारी इन पूर्वानुमानों के अनुरूप हुई, हालांकि यह आमतौर पर समय से पहले आई है। लाहौल स्पीति के कुछ स्थानों पर तापमान पहले ही जमने के बिंदु से नीचे चला गया है।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

यह मौसम का बदलाव हिमालयी क्षेत्र में व्यापक पैटर्न का हिस्सा है, जहां जलवायु परिवर्तन ने अप्रत्याशित मौसम की घटनाएं पैदा की हैं। प्रारंभिक बर्फ पर्यटन के लिए वरदान है, लेकिन यह स्थानीय बुनियादी ढांचे और कृषि के लिए चुनौतियां भी लाता है।

पर्यटन पर प्रभाव

बर्फबारी ने पर्यटन उद्योग को उत्साहित किया है। मनाली, जो रोहतांग दर्रा और लाहौल स्पीति की यात्रा के लिए लोकप्रिय है, में पर्यटक पूछताछ में वृद्धि हुई है। ट्रैवल एजेंसियां और होटल मालिक इस बढ़ोतरी के लिए तैयार हैं।

स्थानीय प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों ने प्रारंभिक बर्फबारी का स्वागत किया। "प्रारंभिक बर्फ हमारे लिए आशीर्वाद है। यह दृश्य अपील बढ़ाती है और सर्दियों के पर्यटन सीजन की शुरुआत का संकेत देती है," स्थानीय टूर ऑपरेटर राजेश ठाकुर ने कहा।

सड़क संपर्क और अटल टनल

अटल टनल, जो क्षेत्र में संपर्क के लिए महत्वपूर्ण है, बर्फबारी के बावजूद खुली है। हालांकि, कुछ अन्य मार्ग भारी बर्फबारी के कारण बंद हो गए हैं।

आर्थिक प्रभाव

पर्यटन वृद्धि का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। साहसिक खेल, स्थानीय व्यंजन और हस्तशिल्प से जुड़ी छोटी कंपनियां लाभान्वित होंगी।

चुनौतियां और तैयारियां

तापमान में अचानक गिरावट और बर्फ के संचय से आपूर्ति में बाधा आ सकती है। स्थानीय प्रशासन ने यातायात और बचाव कार्यों के लिए तैयारियां की हैं।

पर्यावरण और कृषि संबंधी चिंताएं

प्रारंभिक बर्फबारी से किसानों में चिंता है। किन्नौर में सेब के पेड़ों को नुकसान हुआ है, जिससे फसल पर असर पड़ सकता है।

पर्यावरणीय दृष्टिकोण

पर्यावरणविद बताते हैं कि ऐसी बर्फबारी जलवायु परिवर्तन के संकेत देती है। शिमला स्थित जलवायु वैज्ञानिक डॉ. अनुपम शर्मा का कहना है कि यह छोटी अवधि में पर्यटन को बढ़ावा देती है, लेकिन दीर्घकालिक प्रभावों पर भी ध्यान देना आवश्यक है।

पर्यटकों के अनुभव और सुरक्षा

प्रारंभिक बर्फबारी पर्यटकों को सर्दियों का आनंद लेने का अवसर देती है। स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग और ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद है।

सुरक्षा और मार्गदर्शन

पर्यटकों को मौसम अपडेट चेक करने और अनुभवी गाइड के साथ यात्रा करने की सलाह दी गई है। स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन नंबर और हेल्पलाइन उपलब्ध कराई हैं।

पिछले वर्षों की तुलना

ऐतिहासिक रूप से, कोकसर और रोहतांग दर्रे में बर्फबारी अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में होती थी। इस वर्ष की शुरुआती बर्फबारी पिछले अनुभवों की याद दिलाती है और पर्यटन उद्योग को तेजी से प्रतिक्रिया करने की आवश्यकता दिखाती है।

भविष्य का दृष्टिकोण

हिमाचल प्रदेश का पर्यटन उद्योग प्राकृतिक आकर्षण और रणनीतिक विकास द्वारा प्रेरित है। प्रारंभिक बर्फबारी मौसम की चरम स्थितियों के प्रति तैयारी और सतत प्रथाओं की आवश्यकता को दर्शाती है।

संक्षेप में

कोकसर और रोहतांग दर्रे में प्रारंभिक बर्फबारी ने हिमाचल प्रदेश में सर्दियों के पर्यटन के लिए मंच तैयार किया है। यह आर्थिक अवसर प्रदान करती है और पर्यावरण संरक्षण तथा सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा को भी उजागर करती है।

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