नेरचौक मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी: हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाओं का नया युग
नेरचौक मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी: हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाओं का नया युग

Post by : Shivani Kumari

Oct. 16, 2025 8:24 p.m. 114

नेरचौक मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी: हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाओं का नया युग

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले स्थित लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज, नेरचौक में हाल ही में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत की गई है। यह पहल राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों में स्मार्ट डायग्नोस्टिक लैब्स और नई एमआरआई मशीनों की स्थापना की योजना भी है। इससे मरीजों को तेज़, सुरक्षित और सटीक स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध होंगी।

भारत और विश्व में रोबोटिक सर्जरी का इतिहास

रोबोटिक सर्जरी 1980–1990 के दशक में विकसित हुई। दुनिया भर में दा विंची सर्जिकल सिस्टम और अन्य तकनीकें सर्जरी को कम इनवेसिव, सुरक्षित और सटीक बनाने के लिए उपयोग में लाई जा रही हैं।

भारत में यह तकनीक मुख्यतः बड़े शहरों में शुरू हुई थी। हिमाचल प्रदेश में यह पहले शिमला और कांगड़ा के मेडिकल कॉलेजों में सीमित रूप से उपलब्ध थी। अब नेरचौक मेडिकल कॉलेज में इसे विस्तारित किया गया है।

नेरचौक मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा

  • रोबोटिक सर्जरी सिस्टम – ऑपरेशन की सटीकता बढ़ाता है, रिकवरी समय कम, संक्रमण और रक्तस्राव का जोखिम कम।
  • नई एमआरआई मशीन – उच्च रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग, जटिल मामलों की सटीक डायग्नोस्टिक क्षमता।
  • कैथ लैब – कार्डियक और न्यूरोलॉजिकल ऑपरेशन के लिए।
  • स्मार्ट डायग्नोस्टिक लैब्स – तेज और सटीक टेस्टिंग, राज्यभर के मेडिकल कॉलेजों में पैथोलॉजी सुविधाओं का विस्तार।

रोबोटिक सर्जरी की तकनीक

रोबोटिक सर्जरी सर्जन की हल्की गति को रोबोट द्वारा नियंत्रित करती है। प्रमुख सिस्टम: दा विंची, माको, रोज़ा. फायदे: कम इनवेसिव, उच्च सटीकता, तेज रिकवरी, कम जोखिम।

केस स्टडीज़: भारत और विश्व

भारत: शिमला और कांगड़ा – सफल ऑपरेशन, मरीजों की रिकवरी तेज़। दिल्ली और मुंबई – दा विंसी सिस्टम का उपयोग।

विश्व: अमेरिका और यूरोप – कार्डियक, न्यूरोलॉजिकल और ऑर्थोपेडिक ऑपरेशन। जापान और दक्षिण कोरिया – ऐ और दूरस्थ सर्जरी।

मरीज अनुभव

रिकवरी समय 40–50% कम। दर्द कम और ऑपरेशन सटीक। स्मार्ट लैब्स से रिपोर्टिंग तेज़ और भरोसेमंद।

उदाहरण: श्री रवि कुमार, हिप सर्जरी मरीज: "रोबोटिक सर्जरी ने मेरे ऑपरेशन को सुरक्षित और तेज़ बनाया। रिकवरी बहुत आसान हुई।"

डॉक्टर और विशेषज्ञ इंटरव्यू

डॉ. राघव शर्मा: "रोबोटिक सर्जरी से ऑपरेशन की सफलता बढ़ी और रिकवरी समय घटा।"

डॉ. सुमित वर्मा: "ऐ और स्मार्ट लैब्स से हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाओं का भविष्य उज्जवल है।"

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

सामाजिक प्रभाव

  • ग्रामीण और शहरी मरीज उच्च गुणवत्ता की सर्जरी सुविधा का लाभ लेंगे।
  • ऑपरेशन के बाद रिकवरी समय कम होने से अस्पताल में बिस्तरों की उपलब्धता बेहतर होगी।

आर्थिक प्रभाव

  • रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
  • मेडिकल पर्यटन की संभावना बढ़ेगी।
  • स्थानीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव।

भविष्य की संभावनाएँ

  • ऐ और मशीन लर्निंग के साथ सर्जरी और सटीक होगी।
  • दूरस्थ सर्जरी से दूरदराज़ क्षेत्रों में विशेषज्ञ ऑपरेशन।
  • डिजिटल रिकॉर्ड्स और स्मार्ट उपकरण स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति लाएंगे।

नेरचौक मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी और स्मार्ट डायग्नोस्टिक लैब्स की स्थापना हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में आधुनिकता, सटीकता और सुरक्षा लाने का बड़ा कदम है। आने वाले वर्षों में ऐ और दूरस्थ सर्जरी जैसी तकनीकें राज्यभर में उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में क्रांति लाएंगी।

#सफर की खबरें #रोबोटिक सर्जरी
अनुच्छेद
प्रायोजित
ट्रेंडिंग खबरें
सरकाघाट का चंद्र बना इलाक़े का ‘बुलडोज़र बेटा’, अपने खर्चे से बहाल कराई बंद पड़ी 30 सड़कें एआई ने खोला 500 साल पुराना शिव स्तुति शिलालेख का रहस्य कांगड़ा में हुआ 46वां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रांत अधिवेशन, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार रहे मुख्य अतिथि जीएसटी सुधारों ने भारत में अक्टूबर में ऑटो बिक्री विक्रय रिकॉर्ड बनाया भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों ने दिखाया नया रिकॉर्ड, त्योहारों की माँग से बिक्री हुई बढ़ोतरी गूगल ने पिक्सेल यूज़र्स के लिए अक्टूबर में दिया आखिरी मिनट सुरक्षा अपडेट इस सप्ताह सोना ₹748 गिरा, चांदी ₹2,092 बढ़ी, बाजार में उतार-चढ़ाव हिमाचल कैबिनेट ने युवाओं के लिए 700 से अधिक नई सरकारी नौकरियां दीं, जिलेवार विकास योजनाओं को मंजूरी