आरएसएस के एक सौ साल: डॉक्टर हेडगेवार की क्रांतिकारी कहानी और कोडनेम ‘कोकीन’ का रहस्य
आरएसएस के एक सौ साल: डॉक्टर हेडगेवार की क्रांतिकारी कहानी और कोडनेम ‘कोकीन’ का रहस्य

Post by : Shivani Kumari

Oct. 7, 2025 11:34 a.m. 127

आरएसएस के 100 साल: डॉक्टर हेडगेवार की क्रांतिकारी कहानी और कोडनेम ‘कोकीन’ का रहस्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 वर्ष पूरे होने पर इसके संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार का जीवन फिर से चर्चा में है। “डॉक्टर हेडगेवार कौन थे?” और “आरएसएस की स्थापना कब हुई?” जैसे सवाल आज भी लोगों के मन में हैं। उनका जीवन केवल संगठन निर्माण तक सीमित नहीं था, बल्कि वे एक सच्चे क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी भी थे।

डॉक्टर हेडगेवार कौन थे?

डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म 1 अप्रैल 1889 को नागपुर में हुआ। वे बचपन से ही राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत थे। मेडिकल की पढ़ाई के दौरान वे बंगाल गए, जहाँ उन्होंने क्रांतिकारी आंदोलनों से जुड़कर ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया।

बंगाल क्रांति और ‘कोडनेम कोकीन’

1900 के दशक की शुरुआत में बंगाल क्रांति का केंद्र था। डॉक्टर हेडगेवार ने अनुशीलन समिति जैसे संगठनों से जुड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। ब्रिटिश सरकार की नजरों से बचने के लिए उन्होंने ‘कोडनेम कोकीन’ का इस्तेमाल किया। यह नाम उनके गुप्त मिशनों के दौरान प्रयोग होता था ताकि उनकी पहचान गुप्त रहे।

बंगाल क्रांतिकारी आंदोलन में भूमिका

बंगाल क्रांति ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। डॉक्टर हेडगेवार ने इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और कई गुप्त बैठकों में हिस्सा लिया। उन्होंने महसूस किया कि भारत को केवल सशस्त्र संघर्ष से नहीं, बल्कि सामाजिक संगठन से भी आज़ादी मिल सकती है।

नागपुर वापसी और आरएसएस की स्थापना

बंगाल से लौटने के बाद डॉक्टर हेडगेवार ने नागपुर में 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना की। “आरएसएस की स्थापना कब हुई?” यह प्रश्न आज भी लोगों के मन में है, और इसका उत्तर है—विजयादशमी के दिन, 27 सितंबर 1925।

आरएसएस का उद्देश्य

आरएसएस का उद्देश्य था भारत को एक संगठित, सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना। हेडगेवार का मानना था कि जब तक समाज एकजुट नहीं होगा, तब तक स्वतंत्रता अधूरी रहेगी।

संगठन की विचारधारा

आरएसएस की विचारधारा भारतीय संस्कृति, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति पर आधारित थी। डॉक्टर हेडगेवार ने स्वयंसेवकों को केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी सशक्त बनने की प्रेरणा दी।

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

डॉक्टर हेडगेवार ने असहयोग आंदोलन में सक्रिय भाग लिया और जेल भी गए। जेल में उन्होंने कई क्रांतिकारियों से मुलाकात की और संगठन निर्माण के विचार को और मजबूत किया।

जेल में बिताए दिन

जेल में रहते हुए उन्होंने महसूस किया कि भारत को केवल राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं, बल्कि सामाजिक एकता की भी आवश्यकता है। यही सोच आगे चलकर आरएसएस की नींव बनी।

आरएसएस का विकास और प्रभाव

1940 में डॉक्टर हेडगेवार के निधन के बाद भी आरएसएस लगातार बढ़ता गया। आज यह संगठन भारत के सबसे बड़े सामाजिक संगठनों में से एक है।

आधुनिक भारत में आरएसएस की भूमिका

आज आरएसएस शिक्षा, सेवा, और राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में सक्रिय है। डॉक्टर हेडगेवार की विचारधारा आज भी संगठन की नींव बनी हुई है।

कोडनेम ‘कोकीन’ का ऐतिहासिक महत्व

‘कोडनेम कोकीन’ केवल एक गुप्त पहचान नहीं थी, बल्कि उस युग की क्रांतिकारी भावना का प्रतीक थी। यह नाम ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष की रणनीति का हिस्सा था।

बंगाल क्रांति से नागपुर तक

बंगाल की क्रांतिकारी भावना ने डॉक्टर हेडगेवार को संगठन निर्माण की प्रेरणा दी। नागपुर में आरएसएस की स्थापना उसी विचार का विस्तार थी, जिसमें राष्ट्र को एकजुट करने का सपना था।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आरएसएस की अप्रत्यक्ष भूमिका

हालांकि आरएसएस ने प्रत्यक्ष रूप से स्वतंत्रता आंदोलन में भाग नहीं लिया, लेकिन इसके संस्थापक की सोच ने स्वतंत्रता के बाद भारत के सामाजिक ढांचे को मजबूत किया।

डॉक्टर हेडगेवार की विरासत

डॉक्टर हेडगेवार की विरासत आज भी जीवित है। उनका जीवन यह सिखाता है कि संगठन, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

निष्कर्ष

आरएसएस के 100 साल पूरे होने पर डॉक्टर हेडगेवार की कहानी भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय बनकर उभरती है। उनका जीवन यह दर्शाता है कि स्वतंत्रता केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का भी परिणाम है।

FAQs

प्रश्न 1: डॉक्टर हेडगेवार कौन थे?

वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी थे।

प्रश्न 2: आरएसएस की स्थापना कब हुई थी?

27 सितंबर 1925 को नागपुर में आरएसएस की स्थापना हुई थी।

प्रश्न 3: कोडनेम ‘कोकीन’ का मतलब क्या है?

यह डॉक्टर हेडगेवार का गुप्त नाम था, जिसका उपयोग उन्होंने ब्रिटिश शासन से बचने के लिए किया।

प्रश्न 4: डॉक्टर हेडगेवार का बंगाल क्रांति से क्या संबंध था?

उन्होंने बंगाल में अनुशीलन समिति जैसे संगठनों से जुड़कर क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया।

प्रश्न 5: आरएसएस की विचारधारा क्या है?

आरएसएस भारतीय संस्कृति, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति पर आधारित संगठन है, जिसका उद्देश्य समाज को संगठित करना है।

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