करवा चौथ व्रत के दौरान पति के साथ ये गलती न करें – जानें जरूरी नियम
करवा चौथ व्रत के दौरान पति के साथ ये गलती न करें – जानें जरूरी नियम

Post by : Shivani Kumari

Oct. 10, 2025 11:27 p.m. 214

करवा चौथ व्रत के दौरान पति के साथ ये गलती न करें – जानें जरूरी नियम

करवा चौथ भारत में विवाहित महिलाओं के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र त्यौहार है। यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। करवा चौथ व्रत का मूल उद्देश्य अपने पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए उपवास रखना है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रमा दर्शन तक निर्जला व्रत करती हैं और पति की भलाई की कामना करती हैं।

हालांकि, कई महिलाएं unknowingly कुछ सामान्य गलतियाँ कर देती हैं जो करवा चौथ नियम और पति के साथ व्यवहार पर असर डाल सकती हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि करवा चौथ व्रत के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, किन गलतियों से बचना चाहिए, विशेषज्ञ क्या सलाह देते हैं, और समाज में इसके क्या प्रभाव हैं।

करवा चौथ व्रत का महत्व और इतिहास

करवा चौथ व्रत मुख्य रूप से हिंदू धर्म में मनाया जाता है और यह विश्वास किया जाता है कि इस दिन व्रत रखने वाली महिला के पति की उम्र लंबी होती है और उनका स्वास्थ्य मजबूत रहता है। परंपरा के अनुसार, महिलाएं व्रत की तैयारी से पहले भोजन, जल, और पूजा की सामग्री का ध्यान रखती हैं।

इतिहासकारों के अनुसार, करवा चौथ की प्रथा राजसी काल से जुड़ी हुई है, जहां महारानियों और रानियों के लिए उनके पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना के लिए यह व्रत रखा जाता था। समय के साथ यह प्रथा आम परिवारों में भी फैल गई।

करवा चौथ व्रत के दौरान आम गलतियाँ और उनसे बचने के तरीके

  1. उपवास के नियमों का पालन न करना
    कई महिलाएं व्रत शुरू करने से पहले पूरी जानकारी नहीं लेती हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि व्रत के दौरान निर्जला रहना आवश्यक है और किसी भी तरह का भोजन या जल सेवन व्रत को तोड़ सकता है। यहां उपवास टिप्स का पालन करना बहुत जरूरी है।

  2. पति के साथ व्यवहार में असावधानी
    व्रत के दौरान पति के साथ छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा या तनाव करना व्रत की पवित्रता को प्रभावित कर सकता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन पति के प्रति सम्मान और प्रेम का भाव रखना चाहिए।

  3. तैयारी में असावधानी
    करवा चौथ की रात को पूजा और सजावट की तैयारी बहुत महत्वपूर्ण होती है। अगर व्रत की तैयारी अधूरी रहे या पूजा सामग्री पूरी न हो तो व्रत का महत्व कम हो जाता है।

  4. स्वास्थ्य की अनदेखी
    निर्जला उपवास रखने के कारण शरीर पर तनाव पड़ सकता है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि व्रत से पहले हल्का भोजन, पर्याप्त नींद और पानी की मात्रा का ध्यान रखें।

विशेषज्ञों की राय

  • डॉ. रवीना शर्मा, पोषण विशेषज्ञ, कहती हैं:
    “करवा चौथ व्रत में शरीर पर निर्जला उपवास का प्रभाव पड़ता है। महिलाएं हल्का और संतुलित करवा चौथ पर खाना लें और ज्यादा शारीरिक गतिविधि से बचें। इससे व्रत सुरक्षित और फलदायी रहता है।”

  • पंडित राजेश त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य, बताते हैं:
    “करवा चौथ व्रत में पति के प्रति सम्मान और प्रेम का भाव रखना अनिवार्य है। झगड़ा या क्रोध व्रत की पवित्रता को प्रभावित कर सकता है। साथ ही, करवा चौथ नियम का पालन सही तरीके से करना भी आवश्यक है।”


सोशल मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर सोशल मीडिया ट्रेंड के रूप में करवा चौथ की तैयारियों और टिप्स पर बड़े पैमाने पर चर्चा होती है। लोग व्रत के दौरान अपनाई जाने वाली सजावट, व्रत की तैयारी, उपवास टिप्स और पति के साथ व्यवहार के अनुभव साझा करते हैं।

उदाहरण के लिए, इंस्टाग्राम पर #KarvaChauth2025 ट्रेंड करते हुए महिलाएं अपने तैयार किए गए करवा चौथ सेल्फ़ीज़ और पूजा की तस्वीरें साझा कर रही हैं। इस ट्रेंड से पता चलता है कि आधुनिक महिलाएं पारंपरिक नियमों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी उत्साहपूर्वक भाग ले रही हैं।

करवा चौथ व्रत के स्वास्थ्य पहलू

करवा चौथ व्रत के दौरान निर्जला उपवास के कारण शरीर पर हल्का तनाव पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार:

  1. हाइड्रेशन का ध्यान रखें – व्रत से पहले पर्याप्त पानी पीना और फल व हल्का भोजन करना जरूरी है।

  2. हल्की शारीरिक गतिविधि – दिन के समय हल्की स्ट्रेचिंग या योग करना लाभकारी है।

  3. नींद और विश्राम – पर्याप्त नींद लेने से शरीर का तनाव कम होता है।

  4. विशेष सावधानियाँ – उच्च रक्तचाप, डायबिटीज या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं वाली महिलाओं को डॉक्टर से सलाह लेकर व्रत रखना चाहिए।

समाज और संस्कृति पर प्रभाव

करवा चौथ व्रत केवल व्यक्तिगत उपवास नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज में विवाह और पारिवारिक संबंधों के महत्व को भी दर्शाता है। इस दिन महिलाओं के द्वारा निभाई जाने वाली परंपरा उनके परिवार और पति के प्रति सम्मान और प्रेम की भावना को दर्शाती है।

पारंपरिक त्योहार के रूप में यह व्रत परिवारों को एक साथ जोड़ता है और परंपराओं को जीवित रखता है। वर्तमान समय में, महिलाएं इस दिन सोशल मीडिया और सामुदायिक इवेंट्स के माध्यम से भी जुड़ती हैं।

करवा चौथ व्रत न केवल पारंपरिक और धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह स्वास्थ्य, परिवार और समाज में सकारात्मक प्रभाव भी डालता है। उपवास के दौरान नियमों और सावधानियों का पालन करना जरूरी है। पति के प्रति सम्मान और प्रेम का भाव बनाए रखना व्रत की पवित्रता को बनाए रखने में मदद करता है।

समय के साथ करवा चौथ का पर्व आधुनिक जीवनशैली के अनुरूप भी ढल गया है, लेकिन इसके मूल नियम और परंपरा का पालन करना अभी भी जरूरी है। सही तैयारी, स्वास्थ्य का ध्यान और पारंपरिक नियमों का पालन कर महिलाएं इस व्रत का पूरा लाभ उठा सकती हैं।

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