: धनतेरस : घर में समृद्धि लाने के लिए अपनाएं ये 5 वास्तु उपाय
: धनतेरस : घर में समृद्धि लाने के लिए अपनाएं ये 5 वास्तु उपाय

Post by : Shivani Kumari

Oct. 17, 2025 4:44 p.m. 141

धनतेरस 2025 का पावन पर्व 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। यह त्योहार भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा से जुड़ा है, जो घर में स्वास्थ्य, समृद्धि, सुख और शांति लाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ सरल उपाय अपनाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का वास होता है। आइए जानते हैं वास्तु विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए 5 महत्वपूर्ण उपायों के बारे में, जो धनतेरस पर अपनाकर आप अपने घर को समृद्धि का केंद्र बना सकते हैं।

धनतेरस के दिन त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 12:18 बजे से शुरू होकर अगले दिन दोपहर 1:51 बजे तक रहेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त प्रारंभ काल 7:15 बजे से 8:19 बजे तक है, जबकि प्रदोष काल 5:48 बजे से 8:19 बजे तक रहेगा। इस समय मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करें, साथ ही शुभ खरीदारी जैसे सोना-चांदी, झाड़ू या दीपक करें। अब बात करते हैं वास्तु उपायों की।

नमक मिले पानी से घर पोछें। वास्तु दोष दूर करने के लिए धनतेरस पर एक बाल्टी गुनगुने पानी में एक मुट्ठी नमक डालकर पूरे घर की सफाई करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। विशेष रूप से मुख्य द्वार पर नमक वाला पानी छिड़कें, जो दरिद्रता और दुखों को दूर रखता है। नमक खरीदना भी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह शुद्धिकरण और प्रचुरता का प्रतीक है।

मुख्य द्वार पर ॐ का चिन्ह बनाएं। हल्दी और चावल को पीसकर पेस्ट तैयार करें, फिर घर के प्रमुख द्वार पर स्वास्तिक या ॐ का प्रतीक बनाएं। यह मां लक्ष्मी के स्वागत का संकेत माना जाता है, जिससे घर में शांति और समृद्धि स्थापित होती है। वास्तु के अनुसार, यह उपाय उत्तर-पूर्व दिशा की सकारात्मकता बढ़ाता है। मुख्य द्वार पर दक्षिण मुख वाला दीया रखकर नकारात्मक ऊर्जा रोकें और उत्तर-पूर्व कोने में एक और दीया जलाएं, जो समृद्धि और आध्यात्मिक स्पष्टता आकर्षित करता है।

13 दीपक जलाएं। सूर्यास्त के बाद घर के बाहर या मुख्य द्वार पर 13 दीपक प्रज्वलित करें। वास्तु शास्त्र में यह संख्या धन के देवता कुबेर से जुड़ी है। प्रत्येक दीया का विशेष महत्व है: पहला मुख्य द्वार पर, दूसरा तुलसी के पास शांति के लिए, तीसरा छत पर वास्तु दोष सुधारने के लिए, चौथा तुलसी पौधे के पास लक्ष्मी के वास के लिए, और बाकी घर के कोनों में। इससे घर में प्रकाश फैलता है, नकारात्मकता नष्ट होती है और पूरे वर्ष सुख-शांति बनी रहती है। दीपक घी या तेल से बनाएं, मोम वाले न इस्तेमाल करें।

उत्तर दिशा में कुबेर पूजा करें। वास्तु के मुताबिक, उत्तर दिशा कुबेर की है। इस दिशा में कुबेर की मूर्ति या चित्र रखें, शुद्ध घी का दीपक जलाएं और मंत्र ‘ॐ यक्ष राजाय विद्महे, वैश्रवणाय धीमहि, तन्नो कुबेराय प्रचोदयात्’ का जाप करें। इससे धन की स्थिरता आती है और घर में वैभव बढ़ता है। पूजा में अनाज, मिठाई और फूल अर्पित करें, जो संतुलन, शांति और समृद्धि लाते हैं।

पीली कौड़ी या लघु नारियल घर लाएं। धनतेरस पर पीली कौड़ी, लघु नारियल या गुंजा खरीदकर तिजोरी या धन स्थान पर रखें। वास्तु विशेषज्ञ कहते हैं कि ये वस्तुएं पॉजिटिव एनर्जी आकर्षित करती हैं, जिससे धन-धान्य में वृद्धि होती है और मां लक्ष्मी का स्थायी वास होता है। इन्हें पूजा के बाद ही स्थापित करें। इसके अलावा, मनी प्लांट को दक्षिण-पूर्व कोने में लगाएं, जो धन आकर्षित करता है, और घर को सोना, हरा या पीला रंग दें। झाड़ू खरीदना भी शुभ है, क्योंकि यह नकारात्मकता साफ करता है; इसे उत्तर-पश्चिम या पश्चिम दिशा में रखें।

ये उपाय अपनाने से न सिर्फ वास्तु दोष दूर होंगे, बल्कि घर का वातावरण शांत और समृद्ध बनेगा। याद रखें, नमक उधार न दें या न लें, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। यदि कोई स्वास्थ्य समस्या हो, तो धन्वंतरि मंत्र का जाप भी करें। शुभ धनतेरस!


 

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