हिमाचल प्रदेश: पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाओं में वृद्धि, रूसी पायलट को बचाया गया
हिमाचल प्रदेश: पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाओं में वृद्धि, रूसी पायलट को बचाया गया

Post by : Shivani Kumari

Oct. 30, 2025 3:18 p.m. 147

हिमाचल में पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाएं बढ़ीं, रूसी पायलट का रेस्क्यू 2025

हिमाचल प्रदेश, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक खेलों के लिए प्रसिद्ध है, हाल के दिनों में पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाओं के कारण सुर्खियों में है। कांगड़ा जिले में हुई ताजा घटना में एक रूसी पायलट को सुरक्षित बचाया गया, लेकिन यह घटना पर्यटन और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। 30 अक्टूबर 2025 को जागरण द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, इस साल पैराग्लाइडिंग से संबंधित दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो स्थानीय प्रशासन और पर्यटकों के लिए चिंता का विषय बन गई है।

इस लेख में, हम इस घटना के विवरण, इसके कारणों, रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी, और भविष्य में सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों पर गहन चर्चा करेंगे। हिमाचल के साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ सुरक्षा को प्राथमिकता देने की जरूरत पर भी प्रकाश डाला जाएगा।

घटना का विवरण: रूसी पायलट का रेस्क्यू

कांगड़ा जिले के एक लोकप्रिय पैराग्लाइडिंग स्थल पर 29 अक्टूबर 2025 को एक रूसी पायलट की पैराग्लाइडिंग के दौरान दुर्घटना हुई। रिपोर्ट्स के अनुसार, तेज हवाओं और खराब मौसम की वजह से पायलट का नियंत्रण खो गया, जिसके परिणामस्वरूप वह एक पहाड़ी इलाके में फंस गया। स्थानीय प्रशासन और आपातकालीन सेवाओं ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

  • रेस्क्यू टीम: भारतीय सेना, पुलिस, और स्थानीय पर्वतारोहियों की मदद से ऑपरेशन चलाया गया।
  • तकनीक का उपयोग: हेलीकॉप्टर और रस्सी-आधारित बचाव तकनीकों का इस्तेमाल किया गया।
  • परिणाम: पायलट को मामूली चोटों के साथ सुरक्षित बचा लिया गया और उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

यह घटना न केवल रूसी पायलट के लिए राहत लेकर आई, बल्कि यह भी दिखाया कि हिमाचल में आपातकालीन सेवाएं कितनी सक्षम हैं। हालांकि, यह सवाल उठता है कि क्या ऐसी घटनाओं को पहले से रोका जा सकता था?

पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाओं में वृद्धि के कारण

हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही दुर्घटनाओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, निम्नलिखित कारण इस समस्या के पीछे मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं:

  • खराब मौसम की अनदेखी: कई पायलट और पर्यटक मौसम की चेतावनियों को नजरअंदाज कर उड़ान भरते हैं।
  • अनtrained पायलट: पर्यटन सीजन में प्रशिक्षण के बिना पैराग्लाइडिंग करने वालों की संख्या बढ़ी है।
  • असुरक्षित उपकरण: पुराने या खराब रखरखाव वाले ग्लाइडर्स का उपयोग एक बड़ा जोखिम है।
  • अधिक भीड़: लोकप्रिय स्थलों पर एक साथ कई उड़ानें सुरक्षा को प्रभावित कर रही हैं।

स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि पिछले छह महीनों में कांगड़ा और कुल्लू में 15 से अधिक पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिसमें से कई गंभीर चोटों या जानलेवा साबित हुई हैं।

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस बढ़ती समस्या को देखते हुए हिमाचल सरकार ने तुरंत कदम उठाने की घोषणा की है। 30 अक्टूबर 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, पर्यटन मंत्री ने निम्नलिखित उपायों की घोषणा की:

  • नई गाइडलाइंस: सभी पैराग्लाइडिंग ऑपरेटरों के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे।
  • प्रशिक्षण अनिवार्य: केवल प्रमाणित प्रशिक्षण प्राप्त पायलटों को उड़ान की अनुमति होगी।
  • मौसम निगरानी: उन्नत मौसम पूर्वानुमान प्रणाली स्थापित की जाएगी।
  • चेकिंग कैंप: नियमित रूप से उपकरणों की जांच के लिए कैंप लगाए जाएंगे।

इन कदमों का उद्देश्य हिमाचल को सुरक्षित साहसिक पर्यटन स्थल बनाना है, ताकि पर्यटकों का भरोसा कायम रहे।

पर्यटकों के लिए सुरक्षा सुझाव

अगर आप हिमाचल में पैराग्लाइडिंग की योजना बना रहे हैं, तो अपनी सुरक्षा के लिए निम्नलिखित सुझावों का पालन करें:

  • प्रमाणित ऑपरेटर चुनें: केवल उन कंपनियों से संपर्क करें जो सरकारी मान्यता प्राप्त हों।
  • मौसम जांचें: उड़ान से पहले मौसम की स्थिति की पुष्टि करें।
  • उपकरण जांचें: ग्लाइडर और हार्नेस की स्थिति को खुद देखें।
  • बीमा कवर: दुर्घटना बीमा की व्यवस्था करें।

सुरक्षा आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए—साहसिक कार्य का आनंद लेने के लिए जिंदा रहना जरूरी है!

हिमाचल के पर्यटन पर प्रभाव

पैराग्लाइडिंग हिमाचल के पर्यटन उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सालाना लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। हालांकि, इन दुर्घटनाओं से पर्यटकों के मन में डर पैदा हो रहा है, जिससे स्थानीय व्यवसायों पर असर पड़ सकता है। होटल मालिकों और गाइड्स का कहना है कि अगर सुरक्षा में सुधार नहीं हुआ, तो इस सर्दी के सीजन में पर्यटकों की संख्या में कमी आ सकती है।

दूसरी ओर, कुछ पर्यटक इसे एक अल्पकालिक चुनौती मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि सरकार जल्द ही स्थिति को नियंत्रित कर लेगी।

 सुरक्षा के साथ साहसिक पर्यटन

हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक गतिविधियां इसे भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाती हैं। हालांकि, पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाओं में वृद्धि और रूसी पायलट के रेस्क्यू ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सुरक्षा को कैसे प्राथमिकता दी जाए। सरकार के नए कदम और जागरूकता अभियान इस दिशा में सकारात्मक संकेत हैं।

30 अक्टूबर 2025 को, हम इस घटना से सबक लेते हुए आशा करते हैं कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं न हों और हिमाचल अपने साहसिक पर्यटन के लिए सुरक्षित माना जाए। आपकी राय या अनुभव हमें बताएं—हम इस चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं!

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