वेतन संकट से भड़के एचआरटीसी कर्मचारी, सरकार पर अनदेखी का आरोप
वेतन संकट से भड़के एचआरटीसी कर्मचारी, सरकार पर अनदेखी का आरोप

Post by : Khushi Joshi

Dec. 8, 2025 5:17 p.m. 162

शिमला। हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एचआरटीसी) में वेतन संकट एक बार फिर गंभीर रूप ले चुका है। नवंबर माह का वेतन 8 दिसंबर बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों के खाते में नहीं पहुंचा, जिसके चलते निगम में कार्यरत अधिकारी, चालक और परिचालक नाराज़गी से उबल पड़े हैं। कर्मचारियों का कहना है कि राज्यभर में हजारों एचआरटीसी कर्मचारी परिवार की जिम्मेदारियों के बीच दिक्कतें झेल रहे हैं, लेकिन सरकार और विभाग की ओर से समस्या को हल करने की कोई स्पष्ट कोशिश नज़र नहीं आ रही। वेतन न मिलने के कारण कई कर्मचारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और कर्ज लेकर और उधार पर घर चला रहे हैं।

निगम के चालक और परिचालक दिन-रात लंबी दूरी तय करते हुए यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाते हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में देर रात तक ड्यूटी देना उनकी दिनचर्या है, इसके बावजूद हर महीने वेतन को लेकर असमंजस बना रहना कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ रहा है। ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर और कंडक्टर यूनियन के अध्यक्ष प्रीत महेंद्र का कहना है कि कर्मचारियों की वेतन की मांग बार-बार उठाने के बावजूद समाधान नहीं मिला। यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि अब भी वेतन समय पर जारी नहीं किया गया तो कर्मचारी संगठित होकर बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। इसके लिए आगामी दिनों में त्रैमासिक बैठकों में विरोध रणनीति पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

यूनियन का आरोप है कि निगम घाटे में है तो इसका ठीकरा कर्मचारियों के सिर पर क्यों फोड़ा जा रहा है। कर्मचारी बिना रुके सेवाएँ दे रहे हैं, फिर भी उन्हें हर माह इस अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ता है कि वेतन मिले या न मिले। पिछले कई महीनों से कर्मचारियों को समय पर एक तारीख को कभी वेतन नहीं मिला। सरकार की ओर से हर बार आश्वासन तो मिलता है, लेकिन समस्या वहीं की वहीं खड़ी रहती है। कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा कि एचआरटीसी भी प्रदेश सरकार का ही महत्त्वपूर्ण विभाग है, इसलिए अन्य विभागों की तरह यहां भी वेतन एक तारीख को जारी होना चाहिए।

कर्मचारियों का कहना है कि यदि हालात नहीं सुधरे तो परिवहन सेवाएं बाधित भी हो सकती हैं, क्योंकि बिना वेतन के लगातार काम करते रहना अब संभव नहीं। वहीं यात्रियों की सुरक्षा और नियमित रूटों पर परिवहन व्यवस्था बनाए रखना भी चुनौती बन सकता है। कर्मचारियों ने मांग उठाई है कि सरकार वित्तीय संकट का ठोस हल निकालते हुए निगम को स्थिर करे और कर्मचारी हितों को प्राथमिकता दे।

कर्मचारियों ने यह भी सवाल उठाया कि सरकार चुनावों से पहले एचआरटीसी के लिए राहत पैकेज, नई बसें और आर्थिक सुधार की बड़ी घोषणाएं करती है, लेकिन धरातल पर उन वादों की कोई झलक नजर नहीं आती। वर्तमान परिस्थितियों में निगम की आर्थिक दशा सुधारने के लिए यदि कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं अपनाया गया, तो असंतोष और बड़ा रूप ले सकता है।

#शिमला #हिमाचल प्रदेश #ब्रेकिंग न्यूज़ #ताज़ा खबरें #यात्रा समाचार #भारत समाचार #सफर की खबरें
अनुच्छेद
प्रायोजित
ट्रेंडिंग खबरें
किन्नौर में दर्दनाक हादसा, बोलेरो खाई में गिरी, एक की मौत कबड्डी खिलाड़ी राणा बलाचौरिया की हत्या, हिमाचल से था गहरा नाता सोलन में पचास हजार रिश्वत लेते फोरैस्ट गार्ड विजीलैंस के हत्थे चढ़ा पाकिस्तान में 5.2 तीव्रता का भूकंप, कराची तक महसूस हुए झटके हिमाचल में फिर शुरू होगी लॉटरी, तीन राज्यों का अध्ययन करेगी सरकार हिमाचल में शीतलहर तेज, ऊपरी क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी के संकेत इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज  शिमला में रैगिंग मामला, दो सीनियर बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी छात्र सस्पेंड फिल्म डायरेक्टर आदित्य धर परिवार सहित नयनादेवी पहुंचे