कुल्लू मणिकर्ण में भीषण आग: उपली डढ़ेई में देव भंडार व दो मकान खाक
कुल्लू मणिकर्ण में भीषण आग: उपली डढ़ेई में देव भंडार व दो मकान खाक

Post by : Khushi Joshi

Dec. 8, 2025 11:30 a.m. 195

कुल्लू ज़िले की मणिकर्ण घाटी इस समय एक बड़े हादसे से स्तब्ध है। पुन्थल पंचायत के उपली डढ़ेई गांव में बीती रात भीषण अग्निकांड हुआ, जिसमें देवता अठारहपेड़े का ऐतिहासिक भंडार, दो पारंपरिक काष्ठकुणी मकान और सराय आग में जलकर राख हो गए। इस हादसे के बाद कई परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए और पूरे क्षेत्र में शोक और भय का माहौल है।

ग्रामीणों के अनुसार रात लगभग 1 बजे अचानक एक घर से आग की लपटें उठीं। परिवार के लोग जब चीखते-चिल्लाते बाहर आए तो आग तेज़ी से फैलती जा रही थी। लकड़ियों और पुरानी वास्तुकला में बना पूरा ढांचा आग की गिरफ्त में आने लगा। आग की दहशत भरी लपटें इतनी तेजी से आगे बढ़ीं कि पास के देवता अठारहपेड़े के भंडार तक पहुंचने में आग को कुछ ही मिनट लगे।

क्योंकि गांव तक सड़क नहीं है, इसलिए दमकल वाहनों का पहुंचना नामुमकिन था। ऐसे में ग्रामीणों ने ही मोर्चा संभाला, पानी की बाल्टियां, पाइप, मिट्टी और हरी टहनियों से आग पर काबू पाने की कोशिशें होती रहीं। आग की लपटें ऊंची, तेज़ और भयंकर थीं—इसी बीच जरी दमकल चौकी से फायर कर्मी पैदल उपकरण लेकर पहुंचे और मुख्य पेयजल लाइन से पाइप जोड़कर आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। सुबह तक चली जंग
लगभग 6 घंटे से ज्यादा समय तक ग्रामीण और फायर कर्मी आग से लड़ते रहे। अंततः आग को फैलने से रोक लिया गया, लेकिन नुकसान बड़ा हो चुका था।

इस हादसे में प्यारे लाल व श्याम सुंदर के मकान पूरी तरह जल गए। दोनों परिवारों का वर्षों का जमा‐पूँजी, कपड़े, राशन, पशुओं का चारा और घरों में रखा सामान खाक हो गया।

धार्मिक धरोहर भी स्वाहा

देवता अठारहपेड़े के भंडार में रखे—
• पूजा सामग्री
• देव आभूषण
• सांस्कृतिक विरासत
• दस्तावेज़
सब जलकर खत्म हो गए। यह नुकसान सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि आस्था और संस्कृति पर भी गहरा प्रहार है।

भयानक दृश्य, गांव में दहशत

गांव के बुजुर्गों ने बताया कि काष्ठकुणी घरों में आग लगने पर उसे नियंत्रण में लाना बेहद कठिन होता है।
रातभर चीखें, रोते बच्चे, भागते लोग — गांव में ऐसा भयावह मंजर था कि हर कोई असहाय हो गया था।
सर्दी के मौसम में अचानक घर छिन जाने की पीड़ा से परिवार सदमे में हैं।

फिलहाल प्रशासन ने मौके पर नुकसान का आंकलन शुरू कर दिया है और प्रभावित परिवारों को राहत देने की बात कही जा रही है।

ग्रामीणों की मांग

• सड़क सुविधा जल्द उपलब्ध करवाई जाए
• प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल राहत व आश्रय
• देव भंडार को फिर से स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता
• गांव में अग्निशमन सुरक्षा उपाय और उपकरण उपलब्ध कराए जाएं

स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि गांव तक सड़क होती तो नुकसान इतना बढ़ा हुआ न होता।

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