Post by : Khushi Joshi
छह महीने तक रेल ट्रैक पर सन्नाटा पसरे रहने के बाद कांगड़ा घाटी में आखिरकार ट्रेन की छुक-छुक की आवाज एक बार फिर सुनाई दी। गुरुवार से पपरोला से कांगड़ा के बीच रेल सेवाएं आंशिक रूप से बहाल कर दी गईं, जिसके पहले दिन करीब चार दर्जन यात्रियों ने ट्रेन में सफर किया। हालांकि अभी जोगिंद्रनगर की ओर यात्रियों की संख्या बेहद कम रही और ट्रेन लगभग खाली ही रवाना हुई, लेकिन लोगों को उम्मीद है कि लंबे समय के बाद घाटी में रेल सेवा लौटने से फिर वही रौनक दिखाई देगी, जो कभी इस ट्रैक की पहचान हुआ करती थी।
स्थानीय लोगों के लिए कांगड़ा घाटी रेल केवल आवाजाही का साधन नहीं, बल्कि उनकी रोजमर्रा की जरूरतों का भरोसेमंद सहारा है। किफायती किराया इसकी सबसे बड़ी ताकत है। पहले ही दिन यात्रियों ने बताया कि पपरोला से कांगड़ा तक जहां बस में चार गुना किराया देना पड़ता है, वहीं ट्रेन की टिकट मात्र दस रुपये में मिल जाती है, जो आम आदमी की जेब के लिए बड़ी राहत है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि धीरे-धीरे ट्रेन में भीड़ बढ़ेगी और रूट फिर से पूरी तरह जीवंत होता दिखाई देगा।
बीते छह महीने भारी बरसात और ट्रैक के क्षतिग्रस्त होने के कारण इस ऐतिहासिक रेललाइन पर सेवाएं पूरी तरह ठप कर दी गई थीं। रेलवे विभाग ने मरम्मत कार्य में लगातार मेहनत की और सुरक्षा मानकों को पूरा करने के बाद पांच दिसंबर से सेवाएं दोबारा शुरू की गईं। लोगों का कहना है कि बारिश के कारण बंद हुई यह सुविधा अब फिर से खुले, यह अपने आप में राहत की बात है, क्योंकि कांगड़ा घाटी में कई ऐसे गांव हैं जहां रेल ही एकमात्र सुलभ और किफायती यात्रा विकल्प रहा है।
रेल विभाग ने समयसारिणी भी जारी कर दी है। सुबह 7 बजे पपरोला से चलकर पहली ट्रेन कांगड़ा 9:10 बजे पहुंचती है, जबकि दोपहर 1:20 बजे रवाना होने वाली दूसरी ट्रेन 3:18 बजे कांगड़ा आती है। वापसी में कांगड़ा से सुबह 10 बजे और शाम 4:30 बजे गाड़ियाँ पपरोला के लिए प्रस्थान करती हैं। वहीं पपरोला से जोगिंद्रनगर रूट पर सुबह 8 बजे ट्रेन चलती है और 9:35 बजे जोगिंद्रनगर पहुंचती है, फिर वहीं से 10:30 बजे लौटकर दोपहर 12 बजे पपरोला वापस आती है।
रेलवे विभाग ने यह भी संकेत दिए हैं कि अगले चरण में पैथानकोट से बैजनाथ तक पूर्ण रेल सेवाओं को बहाल करने की योजना पर तेजी से काम किया जाएगा। यह रूट कभी पर्यटन और स्थानीय व्यापार की रीढ़ हुआ करता था, इसलिए इस लाइन का पूरी तरह चालू होना क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए भी बेहद अहम माना जा रहा है।
स्थानीय व्यापारी और रोजाना रेल से सफर करने वाले यात्री इसे बड़ा सकारात्मक कदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि यदि ट्रेनों की संख्या और कोच बढ़ाए जाएं तथा स्टेशन सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाए, तो यह रेललाइन फिर से लाखों लोगों के जीवन को सुगम बना सकती है।
कई यात्रियों ने पहले दिन ट्रेन के चलने को यादगार पल बताया। उनका कहना था कि छह महीने बाद फिर से ट्रैक पर ट्रेन चलती देखना भावुक कर देने वाला अनुभव रहा। यह कांगड़ा घाटी की धड़कन है, और अब एक बार फिर लोगों को उम्मीद है कि यह धड़कन पहले से ज्यादा मजबूत होकर लौटेगी।
किन्नौर में दर्दनाक हादसा, बोलेरो खाई में गिरी, एक की मौत...
किन्नौर के रूप्पी वैली में मझगांव–चौरा सड़क पर बोलेरो गहरी खाई में गिर गई। हादसे में एक व्यक्ति की म
कबड्डी खिलाड़ी राणा बलाचौरिया की हत्या, हिमाचल से था गहरा ना...
पंजाब के मोहाली में कबड्डी खिलाड़ी व प्रमोटर राणा बलाचौरिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई। राणा का सं
सोलन में पचास हजार रिश्वत लेते फोरैस्ट गार्ड विजीलैंस के हत्...
सोलन जिले के नालागढ़ क्षेत्र में विजीलैंस ने फोरैस्ट गार्ड को पचास हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हा
पाकिस्तान में 5.2 तीव्रता का भूकंप, कराची तक महसूस हुए झटके...
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया। झटके कराची तक महसूस किए गए। फिलहाल जानमाल के न
हिमाचल में फिर शुरू होगी लॉटरी, तीन राज्यों का अध्ययन करेगी ...
हिमाचल प्रदेश में लॉटरी दोबारा शुरू करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। वित्त विभाग पंजाब, सिक्किम और के
हिमाचल में शीतलहर तेज, ऊपरी क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी के ...
हिमाचल प्रदेश में शीतलहर का असर बढ़ गया है। ऊपरी इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी के आसार हैं, जिस
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में रैगिंग मामला, दो सीनियर...
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में जूनियर MBBS छात्र से रैगिंग का मामला सामने आया है। जांच के बाद