हिमाचल प्रदेश में आपदा के बावजूद सेब कारोबार में 43% वृद्धि, 2.6 करोड़ पेटियों का हुआ व्यापार
हिमाचल प्रदेश में आपदा के बावजूद सेब कारोबार में 43% वृद्धि, 2.6 करोड़ पेटियों का हुआ व्यापार

Post by : Shivani Kumari

Oct. 13, 2025 2:20 p.m. 356

हिमाचल प्रदेश  में सेब व्यापार में रिकॉर्ड वृद्धि

हिमाचल प्रदेश ने 2025 में प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद सेब व्यापार में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। राज्य ने इस वर्ष कुल 2.6 करोड़ से अधिक सेब पेटियों का व्यापार किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 43% अधिक है। इस सफलता में सरकार की त्वरित कार्यवाही, बागवानों का समर्पण और बढ़ती बाजार मांग प्रमुख भूमिका निभा रही है।

पृष्ठभूमि

हिमाचल प्रदेश भारत के प्रमुख सेब उत्पादक राज्यों में से एक है। राज्य के किन्नौर, शिमला, सोलन, मंडी और कुल्लू जिलों में उन्नत किस्मों के सेब उगाए जाते हैं। परंपरागत रूप से, हिमाचल के सेब देश और विदेश में उच्च गुणवत्ता और स्वाद के लिए प्रसिद्ध हैं।

2025 में राज्य ने प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया। मानसून के दौरान भारी बारिश और भूस्खलन ने कई सड़क मार्गों को बाधित किया। इसके बावजूद, सरकार और बागवानों की संयुक्त कोशिशों से सेब व्यापार सुचारू रहा।

मुख्य कारण

1. त्वरित सड़क बहाली

भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई सड़क मार्ग बाधित हो गए थे। लोक निर्माण विभाग ने युद्ध स्तर पर सड़क बहाली का काम किया, जिससे सेब मंडियों तक समय पर पहुँच सके। इस कदम से व्यापार में किसी प्रकार की व्यवधान नहीं आया।

2. बाजार में उच्च मांग

दिल्ली की आज़ादपुर मंडी और अन्य प्रमुख शहरों में हिमाचल के सेब की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई। Royal Delicious सेब की 20 किलोग्राम पेटी ₹2,300 तक बिकी। उच्च गुणवत्ता, स्वाद और ब्रांड वैल्यू ने व्यापार को मजबूती प्रदान की।

3. सरकारी योजनाएँ

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कई योजनाएँ लागू की गईं। मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (MIS) के तहत रिकॉर्ड मात्रा में सेब खरीदा गया, जिससे किसानों की आय सुरक्षित रही और मंडियों में कीमतों का संतुलन बना।

4. बागवानों का सहयोग

बागवानों ने प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद अपनी फसल समय पर मंडियों तक पहुँचाई। उनकी मेहनत और समर्पण ने व्यापार में कोई कमी नहीं आने दी।

आंकड़ों की तुलना

हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अनुसार, 3 अक्टूबर 2025 तक कुल 2,60,83,458 सेब पेटियों का व्यापार हुआ, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 1,82,63,874 पेटियों का था। यह 43% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस वृद्धि में सरकारी योजनाओं, उच्च गुणवत्ता वाले सेब और बाजार मांग का प्रमुख योगदान है।

विशेषज्ञों की राय

कृषि विशेषज्ञ डॉ. अजय शर्मा के अनुसार, "हिमाचल प्रदेश में सेब व्यापार में यह सफलता राज्य सरकार और बागवानों के समर्पण का परिणाम है। उच्च गुणवत्ता और समय पर मंडियों में पहुँचाने ने व्यापार को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।"

व्यापारी राहुल मेहरा का कहना है कि "दिल्ली मंडियों में हिमाचल सेब की मांग पिछले वर्षों की तुलना में दोगुनी हो गई है। उपभोक्ताओं ने इसके स्वाद और टिकाऊपन को सराहा है।"

सार्वजनिक और बाजार प्रतिक्रिया

बाजार और मीडिया ने इस सफलता की सराहना की है। व्यापारियों ने कहा कि हिमाचल के सेब की ब्रांड वैल्यू बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में निर्यात भी बढ़ने की संभावना है।

उपभोक्ताओं ने इस साल उच्च गुणवत्ता वाले सेब की मांग में वृद्धि की है। इसके परिणामस्वरूप मंडियों में प्रतिस्पर्धा और कीमतों में स्थिरता बनी है।

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