Post by : Shivani Kumari
हिमाचल प्रदेश में अब हृदय (हार्ट) का एमआरआई किया जा सकेगा, यह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की 23 अक्टूबर 2025 को राज्य सचिवालय शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में दी गई जानकारी है। उन्होंने बताया कि चार मेडिकल कॉलेजों और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाना शिमला में अत्याधुनिक थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें लगाई जा रही हैं। इससे राज्य के लोगों को कार्डिक एमआरआई (हृदय एमआरआई) के लिए पीजीआई चंडीगढ़ या एम्स नई दिल्ली जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गूगल ट्रेंड्स पर 'हिमाचल प्रदेश में हृदय एमआरआई थ्री टेस्ला मशीनें 2025', 'हिमाचल मेडिकल कॉलेज कार्डिक एमआरआई सुविधा', 'चमियाना अस्पताल शिमला थ्री टेस्ला एमआरआई', 'आईजीएमसी शिमला नई एमआरआई मशीन', 'हिमाचल स्वास्थ्य विभाग डायग्नोस्टिक अपग्रेड 2025', 'मंडी हमीरपुर चंबा मेडिकल कॉलेज एमआरआई', 'हिमाचल हार्ट स्कैन थ्री टेस्ला', 'सुखू सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं', 'हिमाचल में कार्डियक एमआरआई कब से उपलब्ध', 'एमआरआई मशीनें हिमाचल मेडिकल कॉलेजों में' जैसे कीवर्ड्स की खोज में पिछले सप्ताह 140% से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। यह पहल राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है, जहां पुरानी मशीनों को बदलकर आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया जा रहा है।
सीएम सुक्खू ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में अब हार्ट का भी एमआरआई किया जा सकेगा।" उन्होंने स्पष्ट किया कि थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें आधुनिक तकनीक से लैस हैं, जो सॉफ्ट टिशूज और दिल की बीमारियों का सटीक विश्लेषण कर सकती हैं। सामान्य एमआरआई मशीनें हार्ट का एमआरआई नहीं कर पातीं, लेकिन ये नई मशीनें कार्डिक इमेजिंग में सक्षम हैं। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला में यह मशीन पहले ही लग चुकी है, जो 20 साल पुरानी मशीन की जगह लेगी। जल्द ही यहां से जांच शुरू हो जाएंगी। अन्य चार मेडिकल कॉलेजों—मंडी मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर मेडिकल कॉलेज, चंबा मेडिकल कॉलेज और टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा—साथ ही अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटी (एआईएमएसएस) चमियाना शिमला के लिए भी ऐसी मशीनें खरीदी जा रही हैं। इससे हिमाचल के दूरदराज इलाकों जैसे चंबा, कांगड़ा, मंडी और हमीरपुर के मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही उच्च स्तरीय जांच मिलेगी।
यह घोषणा स्वास्थ्य विभाग के 207.50 करोड़ रुपये के डायग्नोस्टिक सेवाओं सुदृढ़ीकरण प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो जुलाई 2025 में स्वीकृत हुआ था। इस प्रोजेक्ट के तहत राज्य के सभी सात मेडिकल कॉलेजों में आधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं, जिसमें 1.5 टेस्ला और थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें शामिल हैं। उदाहरण के लिए, यशवंत सिंह परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन और चंबा मेडिकल कॉलेज में भी हाई-रेजोल्यूशन एमआरआई स्थापित की जा रही हैं। चमियाना अस्पताल, जो प्रदेश का पहला रोबोटिक सर्जरी सेंटर बनेगा, में भी थ्री टेस्ला मशीन स्वीकृत हो चुकी है। मई 2025 में सीएम सुक्खू ने बताया था कि चमियाना के निर्माण को पूरा करने के लिए 23 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, और अगले छह महीनों में यह पूरी तरह कार्यशील हो जाएगा। फरवरी 2025 से शुरू हुए 1,800 करोड़ रुपये के स्वास्थ्य उन्नयन अभियान के तहत पुरानी मशीनें (30-40 वर्ष पुरानी) बदल रही हैं, जिसमें थ्री टेस्ला एमआरआई के लिए आईजीएमसी, टांडा और नेरचौक (मंडी) को 85 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉ. धनी राम शांडिल ने अप्रैल 2025 में कहा था कि आईजीएमसी शिमला, एआईएमएसएस चमियाना, हमीरपुर और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक एमआरआई मशीनें लगाई जा रही हैं। अगस्त 2025 में आईजीएमसी में नई थ्री टेस्ला मशीन की स्थापना अंतिम चरण में थी, जिससे मरीजों को 3-4 महीने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। रिपोर्ट्स तुरंत उपलब्ध होंगी, जो ऑर्थोपेडिक्स और ऑन्कोलॉजी विभागों को लाभ पहुंचाएंगी। जुलाई 2025 में सितंबर तक आईजीएमसी और चमियाना में मशीनें चालू होने की उम्मीद थी। अन्य सुविधाओं में चंबा मेडिकल कॉलेज के लिए फुल रूम डिजिटल रेडियोग्राफी, डिजिटल मेमोग्राफी और कलर डॉप्लर उपकरण शामिल हैं। हमीरपुर मेडिकल कॉलेज को एडवांस्ड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सेट (हाई-डेफिनिशन कैमरा के साथ) मिलेगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के लिए 28 लाख ग्लूको स्ट्रिप्स खरीदी जा रही हैं, जिससे घर-द्वार पर शुगर टेस्ट संभव होगा। कमला नेहरू अस्पताल शिमला में पीएसीएस यूनिट स्थापित की जा रही है। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज को चार पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीनें और एक रेडियोलॉजी वर्कस्टेशन (3डी सॉफ्टवेयर से लैस) मिलेंगी।
इससे हिमाचल के मरीजों को दिल्ली एम्स जैसी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर मिलेंगी। सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि मरीजों को इलाज के लिए बाहरी राज्यों न जाना पड़े। हाल ही में 53 नए डॉक्टर तैनात किए गए हैं—कांगड़ा मेडिकल कॉलेज को 20, आईजीएमसी को 19, हमीरपुर को 8 और एम्स चमियाना को 9। नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती भी जारी है। आदर्श अस्पतालों में 350 टेस्ट की सुविधा, डिजिटल एक्स-रे और एमआरआई उपलब्ध होंगे। रोबोटिक सर्जरी आईजीएमसी शिमला और नेरचौक मेडिकल कॉलेज मंडी में शुरू होगी, जिसके लिए 120 करोड़ रुपये खर्च होंगे। टांडा और चमियाना में भी यह सुविधा पहले चरण में आएगी। हिमकेयर योजना के तहत निजी अस्पतालों पर 350 करोड़ के दुरुपयोग की जांच चल रही है।
हालांकि, चुनौतियां बनी हुई हैं। दिसंबर 2024 में चंबा मेडिकल कॉलेज में 15 करोड़ की एमआरआई-सीटी स्कैन मशीनें रेडियोलॉजिस्ट की छुट्टी से 4 महीने बंद रहीं, जिससे मरीज कांगड़ा-पठानकोट गए। सरकार ने स्टाफ की कमी दूर करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। भविष्य में सभी मेडिकल कॉलेजों में 256 स्लाइस वाली हाई-एंड सीटी स्कैन और पैथोलॉजी लैब अपग्रेड होंगी। यदि आप 'हिमाचल स्वास्थ्य अपडेट 2025', 'थ्री टेस्ला एमआरआई हिमाचल कॉलेज', 'चमियाना रोबोटिक सर्जरी', 'हिमाचल कार्डिक केयर सुविधा' जैसे टॉपिक्स पर और जानकारी चाहें, तो बताएं।
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