Post by : Khushi Joshi
हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में एक ऐसी महिला कर्मठता और साहस की मिसाल बनकर सामने आई है, जिसने यह साबित कर दिया कि हिम्मत और हुनर के आगे कोई भी काम मुश्किल नहीं होता। बिजली बोर्ड में सहायक लाइनमैन के पद पर तैनात निर्मला कुमारी आज उस क्षेत्र में काम कर रही हैं, जिसे अब तक केवल पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था। जहां ऊंचे खंभों, करंट से भरी तारों और जानलेवा हालात देखकर अच्छे-अच्छों के हाथ कांप जाते हैं, वहीं निर्मला पूरे आत्मविश्वास के साथ अपना काम अंजाम देती हैं।
वर्तमान में बिजली बोर्ड चम्बा के अंतर्गत हरदासपुरा क्षेत्र में तैनात निर्मला कुमारी उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए जानी जाती हैं। चाहे तेज बारिश हो, अंधेरी रात हो या दुर्गम पहाड़ी इलाका, निर्मला बिना किसी हिचक के मौके पर पहुंचती हैं और बिजली आपूर्ति बहाल करने में जुट जाती हैं। खंभों पर चढ़कर फॉल्ट ठीक करना, जटिल तारों को दुरुस्त करना और जोखिम भरे हालात में काम करना अब उनके रोजमर्रा के कार्य का हिस्सा बन चुका है।
बिजली बोर्ड की 24 घंटे चलने वाली सेवाओं के तहत निर्मला तीनों शिफ्टों में पूरी निष्ठा से ड्यूटी निभाती हैं। इसके साथ ही ऑन कॉल सेवाओं के लिए भी वह हर समय तैयार रहती हैं। वर्ष 2018-19 बैच में भर्ती होने के बाद वे पांगी, मरेडी और सरोल जैसे कठिन और दुर्गम क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। विशेष रूप से जनजातीय क्षेत्र पांगी में भारी बर्फबारी के बीच बिजली बहाल करना आसान नहीं होता, लेकिन निर्मला ने वहां भी अपने साहस और कुशलता से यह साबित कर दिया कि जिम्मेदारी निभाने के लिए जज्बा सबसे जरूरी होता है।
निर्मला का यह सफर आसान नहीं रहा। जब उन्होंने आईटीआई में इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में दाखिला लिया, तो कई लोगों ने उन्हें हतोत्साहित किया। कुछ सहपाठियों ने यह कहकर ताने मारे कि यह काम महिलाओं के बस का नहीं है। हालांकि, परिवार के समर्थन, शिक्षकों के प्रोत्साहन और अपने मजबूत इरादों के बल पर निर्मला ने हर चुनौती का डटकर सामना किया। आज वही लोग उनके काम की तारीफ करते नहीं थकते।
निर्मला कुमारी मानती हैं कि अगर मन में कुछ कर दिखाने की ठान ली जाए तो कोई भी पेशा मुश्किल नहीं होता। उनके अनुसार उपभोक्ताओं की संतुष्टि और समय पर बिजली बहाल करना ही उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उनकी मेहनत और लगन ने न केवल बिजली बोर्ड में एक अलग पहचान बनाई है, बल्कि समाज में महिलाओं को लेकर बनी सोच को भी बदलने का काम किया है।
आज निर्मला कुमारी हिमाचल की उन बेटियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं, जो परंपरागत सीमाओं से बाहर निकलकर कुछ नया करने का सपना देखती हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि साहस, समर्पण और आत्मविश्वास हो तो बेटियां किसी भी ऊंचाई को छू सकती हैं।
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