चलने पर सांस फूलना: कारण, आयुर्वेदिक उपाय और समाधान
चलने पर सांस फूलना: कारण, आयुर्वेदिक उपाय और समाधान

Post by : Shivani Kumari

Oct. 20, 2025 5:48 p.m. 145

चलने पर सांस फूलना: कारण, आयुर्वेदिक उपाय और प्रभावी समाधान

चलने पर सांस फूलना एक गंभीर स्वास्थ्य लक्षण है जिसमें हल्की गतिविधि जैसे वॉक करना या सीढ़ियाँ चढ़ना भी सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है। आयुर्वेद में इसे श्वास कष्ट या उदावर्त कहा जाता है, जो वात, पित्त और कफ दोष के असंतुलन से होता है। आधुनिक दृष्टिकोण इसे हृदय रोग, फेफड़ों की कमजोरी, एनीमिया, अस्थमा या COPD से जोड़ता है।

2025 तक शहरीकरण, प्रदूषण, जीवनशैली और मानसिक तनाव ने इस समस्या की घटनाओं को बढ़ाया है। विशेषकर भारत के शहरी और पहाड़ी क्षेत्रों में यह आम समस्या बन गई है।

चलने पर सांस फूलने का महत्वव

सांस फूलना केवल थकान नहीं है, बल्कि यह शरीर के ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के आदान-प्रदान में बाधा का संकेत है। यह हृदय और फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी का संकेत हो सकता है। आयुर्वेद में इसे दोष असंतुलन के रूप में समझाया गया है:

  • वात दोष: श्वसन गति असामान्य, सांस की कमी।
  • कफ दोष: बलगम जमा, फेफड़ों में अवरोध।
  • पित्त दोष: जलन और सूजन, हृदय गति तेज।

आधुनिक दृष्टिकोण में, यह लक्षण अनदेखा करने पर गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है।

संभावित कारण और जोखिम कारक

  • जीवनशैली: धूम्रपान, मोटापा, निष्क्रिय जीवनशैली।
  • पर्यावरण: प्रदूषण, एलर्जी, ऊंचाई वाले क्षेत्र।
  • चिकित्सीय: हृदय रोग, अस्थमा, थायरॉइड असंतुलन।

यदि आप चलने पर सांस फूलना  सर्च कर रहे हैं, तो यह गाइड आपको 2025 तक के नवीनतम वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से पूरी जानकारी देगा।

गहन कारण और विश्लेषण

1. कमजोर हृदय / कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर

हृदय कमजोर होने पर रक्त को फेफड़ों और शरीर में पंप करने में कठिनाई होती है। लक्षण: सांस फूलना, पैरों में सूजन, थकान। आयुर्वेद: वात और कफ दोष असंतुलन। रोकथाम: हल्की वॉक, हृदय-friendly आहार, नियमित जांच।

2. दिल की मांसपेशियों में दिक्कत 

मायोकार्डियल इंफ्रक्शन या इस्केमिक हृदय रोग से हृदय मांसपेशियों को नुकसान पहुँचता है। लक्षण: सीने में दर्द, सांस तेज। आयुर्वेद: रक्त वाहिकाओं में अमा। रोकथाम: धूम्रपान से बचाव, संतुलित आहार, तनाव प्रबंधन।

3. फेफड़ों की कमजोरी 

धूम्रपान, प्रदूषण, फाइब्रोसिस फेफड़ों को कमजोर करते हैं। लक्षण: खांसी, घरघराहट। आयुर्वेद: कफ दोष। रोकथाम: प्रदूषण से बचाव, प्राणायाम, श्वसन व्यायाम।

4. हीमोग्लोबिन की कमी 

आयरन या B12 कमी से RBC और हीमोग्लोबिन कम होते हैं। लक्षण: थकान, पीली त्वचा। आयुर्वेद: रक्त धातु की कमी। रोकथाम: आयरन और B12 युक्त भोजन, मेथी और गुड़ का सेवन।

5. मोटापा / शारीरिक निष्क्रियता 

अतिरिक्त वजन फेफड़ों पर दबाव डालता है। लक्षण: सांस जल्दी फूलना। आयुर्वेद: मेद दोष वृद्धि। रोकथाम: नियमित हल्की व्यायाम, वॉकिंग और योग।

6. अस्थमा 

वायुमार्ग संकीर्ण होने के कारण घरघराहट और सांस की कमी। आयुर्वेद: वात और कफ असंतुलन। रोकथाम: प्रदूषण से बचाव, प्राणायाम, डॉक्टर की सलाह से दवा।

7. थायरॉइड असंतुलन / चिंता

हाइपरथायरायडिज्म या तनाव से ऑक्सीजन की मांग बढ़ती है। लक्षण: हृदय गति तेज, सांस तेज। आयुर्वेद: पित्त और वात उत्तेजना। रोकथाम: योग, ध्यान, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल।

8. ऊंचाई 

कम ऑक्सीजन स्तर के कारण सांस फूलना और चक्कर आते हैं। आयुर्वेद: वात वृद्धि। रोकथाम: धीरे-धीरे ऊंचाई पर जाना, acclimatization, पर्याप्त जल और पोषण।

सांस फूलने के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय

1. शहद और अदरक

1 चम्मच शहद + ½ चम्मच अदरक रस दिन में 2 बार। लाभ: कफ कम, वायुमार्ग साफ, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

2. तुलसी और लौंग का काढ़ा

तुलसी 5 पत्ते, लौंग 2, अदरक ½ चम्मच उबालें। लाभ: सूजन कम, श्वसन आसान, फेफड़ों को मजबूत करता है।

3. गुनगुना पानी

दिनभर 8–10 गिलास। लाभ: बलगम पतला, वायुमार्ग साफ, पाचन सुधार।

4. हल्का और सात्विक भोजन

दलिया, खिचड़ी, तला भोजन न खाएं। लाभ: पेट पर दबाव कम, अग्नि संतुलन, ऊर्जा बढ़ाए।

5. मेथी और गुड़

मेथी 1 चम्मच + गुड़ 1 चम्मच, रातभर भिगोकर सुबह सेवन। लाभ: फेफड़े मजबूत, एनीमिया में राहत, रक्त सुधार।

6. प्राणायाम

अनुलोम-विलोम, भ्रामरी 15 मिनट रोज। लाभ: फेफड़े मजबूत, तनाव कम, ऑक्सीजन सप्लाई बेहतर।

कब डॉक्टर से संपर्क करें

लक्षण: अचानक सांस तेज, सीने में दर्द, चक्कर, पैरों में सूजन।

जोखिम: Heart failure, COPD, High BP। तुरंत विशेषज्ञ सलाह लें।

जीवनशैली और रोकथाम

व्यायाम

हल्की वॉक और योग। फेफड़ों और हृदय को मजबूत बनाएं, स्टैमिना बढ़ाएँ।

आहार

पौष्टिक और संतुलित भोजन, आयरन और प्रोटीन युक्त। तला और भारी भोजन कम करें।

पर्यावरण

प्रदूषण से बचाव, शुद्ध हवा में समय बिताएँ, घर में वायु शुद्ध रखें।

निष्कर्ष और उपयोगी टिप्स

चलने पर सांस फूलना गंभीर हो सकता है। आयुर्वेद और आधुनिक डॉक्टरी उपायों का संयोजन आवश्यक है। जीवनशैली सुधार, व्यायाम और आहार नियंत्रण से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

उपयोगी टिप्स

  • डॉक्टर सलाह लें और नियमित चेकअप कराएँ।
  • प्रदूषण से बचाव, मास्क और शुद्ध हवा का उपयोग।
  • प्राणायाम और योग नियमित करें।
  • सात्विक और हल्का भोजन अपनाएँ।
  • तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
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