बॉलीवुड की 'बैड्स' पर भयंकर जंग: सुनील पाल ने आर्यन खान को सुनाई खरी-खोटी, विवाद गर्म
बॉलीवुड की 'बैड्स' पर भयंकर जंग: सुनील पाल ने आर्यन खान को सुनाई खरी-खोटी, विवाद गर्म

Post by : Shivani Kumari

Oct. 4, 2025 4:07 p.m. 136

मुंबई: भारतीय एंटरटेनमेंट न्यूज़ में इस समय एक नया बॉलीवुड कॉन्ट्रोवर्सी तेज़ी से फैल रहा है। शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की पहली वेब सीरीज़ 'द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड' रिलीज़ होते ही चर्चा का विषय बन गई है। यह सीरीज़ हिंदी फिल्म उद्योग की आंतरिक राजनीति, किरदारों की तीखी आलोचना और उसके कल्चर पर बेबाक टिप्पणी करती है, जिसे कई समीक्षकों ने 'रोचक' और 'बोल्ड' बताया है। सीरीज़ नेटफ्लिक्स पर OTT सक्सेस हासिल कर रही है और दर्शकों की एक बड़ी संख्या आर्यन के निर्देशन कौशल की तारीफ़ कर रही है।

हालांकि, जहाँ एक ओर दर्शक इस सीरीज़ की तारीफ कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बॉलीवुड के कुछ पुराने चेहरे इससे नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इसी क्रम में, जाने-माने कॉमेडियन सुनील पाल ने आर्यन खान पर सार्वजनिक रूप से तीखा हमला बोला है।

'आपके बाप को जिसने...' सुनील पाल का तीखा आउटबर्स्ट

कॉमेडियन सुनील पाल ने एक पॉडकास्ट में अपनी नाराज़गी व्यक्त करते हुए आर्यन खान पर अपने पिता, सुपरस्टार शाहरुख खान, की विरासत और उस उद्योग का अनादर करने का आरोप लगाया है, जिसने उनके परिवार को नाम और शोहरत दी। सुनील पाल ने सवाल उठाया कि जिस बॉलीवुड ने शाहरुख खान को 'बादशाह' बनाया, आज उनके बेटे ही उसकी 'बुराई' क्यों कर रहे हैं। सुनील पाल ने अपने सुनील पाल आउटबर्स्ट में कहा कि आर्यन को इतनी जल्दी और इस तरह के विषय पर अपनी शुरुआत नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने टिप्पणी की, "आर्यन खान शाहरुख खान लेगसी के वारिस हैं। उनके पास शोहरत, पैसा और मंच सब कुछ है। वह पाँच साल और इंतज़ार करके कुछ ऐसा बना सकते थे जिसकी प्रशंसा पूरा उद्योग करता।"

यह बयान उन लोगों के बीच एक नई बहस छेड़ गया है जो मानते हैं कि एक 'स्टार किड' को उद्योग की आलोचना करने का नैतिक अधिकार नहीं है।

सेलिब्रिटी सटायर या अनादर? उद्योग दो खेमों में बंटा

आर्यन खान की यह सीरीज़ सेलिब्रिटी सटायर का एक बड़ा उदाहरण है, जिसमें कई बॉलीवुड अभिनेताओं को रोस्ट किया गया है। यहाँ तक कि शाहरुख खान भी इस मज़ाक का हिस्सा हैं। हालांकि, सीरीज़ में शामिल कई अभिनेताओं, जैसे बॉबी देओल और राघव जुयाल, ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन सुनील पाल की प्रतिक्रिया ने इंडस्ट्री नेपोटिज्म और आउटसाइडर बनाम इनसाइडर की पुरानी बहस को फिर से हवा दे दी है।

एक तरफ वे लोग हैं जो मानते हैं कि किसी भी रचनात्मक कार्य में आलोचना की स्वतंत्रता होनी चाहिए, खासकर तब जब वह आत्म-आलोचना हो। उनके अनुसार, आर्यन खान डेब्यू ने एक नया नज़रिया पेश किया है जो बॉलीवुड की अति-नाटकीयता और अजीबोगरीब कल्चर को उजागर करता है।

वहीं दूसरी तरफ, सुनील पाल जैसे लोग हैं जो महसूस करते हैं कि यह सीरीज़ कृतघ्नता दर्शाती है। उनका मानना है कि आर्यन खान, जो खुद इंडस्ट्री नेपोटिज्म के सबसे बड़े उदाहरणों में से एक हैं, उन्हें उसी उद्योग को मज़ाक का पात्र नहीं बनाना चाहिए जिसने उन्हें वह प्लेटफ़ॉर्म दिया।

सोशल मीडिया पर बहस और बॉक्स ऑफिस समीकरण

इस बॉलीवुड कॉन्ट्रोवर्सी के कारण सीरीज़ को सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त चर्चा मिल रही है। #AryanKhanDebut और #SunilPalOutburst जैसे हैशटैग तेज़ी से ट्रेंड कर रहे हैं। दर्शक और फ़ैन्स दो अलग-अलग खेमों में बंटे हुए हैं—कुछ सुनील पाल के साथ हैं, तो कुछ आर्यन खान के बोल्ड प्रयास की सराहना कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह सीरीज़ सिर्फ OTT सक्सेस नहीं है, बल्कि यह हिंदी सिनेमा में बदलती कहानी कहने की कला का प्रतीक है। आज के युवा दर्शक अपने ही सितारों से आत्म-आलोचना सुनना पसंद करते हैं। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि एंटरटेनमेंट न्यूज़ में अब नए और पुराने विचारों के बीच की यह जंग भारतीय सिनेमा के भविष्य का निर्धारण कर रही है।

आर्यन खान की सीरीज़ ने न केवल एक निर्देशक के रूप में उनकी पहचान बनाई है, बल्कि एक व्यापक बहस भी शुरू कर दी है कि शाहरुख खान लेगसी को आगे बढ़ाने का सही तरीका क्या है—स्तुति या फिर कड़वी सच्चाई।

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