इतिहास रचा गया, श्री चालदा महासू महाराज पहली बार हिमाचल के लिए रवाना
इतिहास रचा गया, श्री चालदा महासू महाराज पहली बार हिमाचल के लिए रवाना

Post by : Khushi Joshi

Dec. 12, 2025 4:49 p.m. 251

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के लिए सोमवार का दिन आस्था, परंपरा और इतिहास से जुड़ा एक विशेष अध्याय बन गया, जब उत्तराखंड के जौनसार-बावर क्षेत्र स्थित दसऊ मंदिर से श्री चालदा महासू महाराज की पवित्र बरवांश यात्रा का विधिवत शुभारंभ हुआ। ढाई वर्षों के प्रवास के बाद जब देवता ने हिमाचल प्रदेश के गिरिपार क्षेत्र की ओर प्रस्थान किया, तो हजारों श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं और पूरा वातावरण “महासू महाराज की जय” के जयकारों से गूंज उठा।

दसऊ मंदिर परिसर में सोमवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। दूर-दराज के क्षेत्रों से पहुंचे भक्तों ने देव दर्शन कर आशीर्वाद लिया और परंपरा के अनुसार देवता की पालकी को भावभीनी विदाई दी। यह यात्रा इसलिए भी ऐतिहासिक मानी जा रही है क्योंकि इतिहास में पहली बार श्री चालदा महासू महाराज हिमाचल प्रदेश की धरती पर प्रवास के लिए आ रहे हैं।

देवता के प्रस्थान अवसर पर हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, एसडीएम शिलाई जसपाल सिंह सहित शिलाई विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों लोग दसऊ पहुंचे और देवता के दर्शन किए। मंदिर परिसर में देव परंपराओं के अनुसार सभी धार्मिक औपचारिकताएं पूरी की गईं। देवता के शांठीबिल के वजीर दीवान सिंह राणा ने देव संदेश और आशीष को श्रद्धालुओं तक पहुंचाया। इस दौरान दसऊ गांव में भारी भीड़ के चलते करीब एक किलोमीटर लंबा जाम भी लग गया, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह और श्रद्धा कम नहीं हुई।

देव परंपरा के अनुसार बागड़ी पूजा के उपरांत 14 दिसंबर को श्री चालदा महासू महाराज पहली बार हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र स्थित पश्मी गांव में विराजमान होंगे। इसके लिए पूरे गिरिपार क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल बना हुआ है। 13 दिसंबर को हिमाचल और उत्तराखंड की अंतरराज्यीय सीमा मीनस पुल पर देवता का भव्य स्वागत किया जाएगा, जहां उत्तराखंड की देवधार खत के 35 गांव और शिलाई विधानसभा क्षेत्र के लगभग 52 गांव ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक वेश-भूषा के साथ एकत्र होंगे।

देवता की बरवांश यात्रा की अगुवाई देव कारिंदे, भंडारी और वजीर करेंगे। परंपरा के अनुसार बरवांश पूजा के बाद देवता टौंस नदी पार कर पश्मी गांव में प्रवेश करेंगे, जहां वे आगामी एक वर्ष तक प्रवास करेंगे। इस ऐतिहासिक आगमन को लेकर स्थानीय लोग इसे क्षेत्र के लिए बड़े सौभाग्य और देव कृपा का प्रतीक मान रहे हैं।

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शिलाई विधानसभा क्षेत्र और पश्मी गांव के लिए यह अत्यंत गौरव का विषय है कि श्री चालदा महासू महाराज पहली बार हिमाचल प्रदेश में प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल और आसपास के क्षेत्रों में चालदा महासू महाराज के प्रति गहरी आस्था है और उनका एक वर्ष का प्रवास पूरे क्षेत्र के लिए सुख-शांति और कल्याण का संदेश लेकर आएगा।

प्रशासन द्वारा यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 100 से अधिक पुलिस जवान और गृहरक्षक तैनात किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं।

मान्यता के अनुसार श्री चालदा महासू महाराज भगवान शिव के ही स्वरूप हैं और महासू देवता के चार भाई स्वरूपों में से एक हैं। इन्हें न्याय के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। उत्तराखंड के जौनसार-बावर और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर, शिमला और सोलन क्षेत्रों में इनके प्रति अटूट श्रद्धा है। लोक मान्यता है कि देवता भ्रमण के दौरान लोगों की समस्याएं सुनते हैं, न्याय प्रदान करते हैं और क्षेत्र में संतुलन बनाए रखते हैं, इसी कारण आज भी लोग न्याय के लिए इनके दरबार में शीश नवाते हैं।

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