Post by : Khushi Joshi
मंडी जिला एक बार फिर नशे के बढ़ते जाल को लेकर सुर्खियों में है। पड़ोसी राज्य पंजाब से लगातार पहुंच रही नशे की खेप ने इलाके में चिंता बढ़ा दी है। छोटी काशी कहलाने वाले मंडी में कुछ लोग रातों-रात अमीर बनने की चाहत में चिट्टे और अन्य नशे के व्यापार में इस हद तक शामिल हो चुके हैं कि वे दूसरों की जिंदगी को बर्बाद करने से भी नहीं हिचकिचा रहे। पुलिस के अनुसार मंडी सहित हिमाचल के कई क्षेत्रों में नशे का नेटवर्क तेजी से फैल रहा है, जहां पंजाब से चिट्टा और अन्य नशे की सप्लाई की जा रही है, जबकि पहाड़ से चरस को पड़ोसी राज्यों में बेचा जा रहा है।
इस खतरनाक चक्र में कुछ मेडिकल स्टोर भी शामिल पाए गए हैं, जो प्रतिबंधित दवाओं को गलत तरीके से बेचकर युवाओं को नशे की गिरफ्त में धकेल रहे हैं। इसी साल मंडी जिला में अब तक 475 लोग नशे से संबंधित मामलों में गिरफ्तार होकर जेल पहुंच चुके हैं। पुलिस के अनुसार पकड़ी गई चिट्टा और अन्य पदार्थों का बाज़ार मूल्य 86 लाख रुपये से अधिक आंका गया है, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
एनडीपीएस अधिनियम के तहत वर्ष 2025 में अब तक 297 मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में 475 अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं। पुलिस ने जांच के दौरान 1.323 किलोग्राम अफीम, 1.079 किलोग्राम चिट्टा, 60.353 किलोग्राम चरस और 1686 प्रतिबंधित टैबलेट्स बरामद किए हैं। केवल नवंबर माह में ही 18 नए मामले सामने आए, जिनमें 23 लोग गिरफ्तार हुए और 28.63 ग्राम चिट्टा व 3.35 किलोग्राम चरस जब्त की गई।
नशे के स्रोत को खत्म करने के लिए वन विभाग भी सक्रिय हुआ है। विभाग ने अभियान चलाकर 1,61,238 पोपी पौधों और 3,67,094 कैनबिस पौधों को नष्ट किया है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई नशे का उत्पादन करने वाले स्थलों को खत्म करने के उद्देश्य से की गई है, ताकि सप्लाई चेन को जड़ से तोड़ा जा सके।
मंडी के डीसी अपूर्व देवगन ने जिले के लोगों से अपील की है कि नशा बेचने वाले या इस अवैध कारोबार में शामिल व्यक्तियों की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। उन्होंने आश्वस्त किया कि सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
मंडी की एसपी साक्षी वर्मा ने भी स्पष्ट किया है कि पुलिस नशे के कारोबार के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपनाए हुए है। उन्होंने कहा कि नशे की सप्लाई करने वालों, तस्करों और नशा बेचने वाले गिरोहों को कानून के तहत किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की लगातार कार्रवाई का मकसद जिले को नशा-मुक्त बनाना है, ताकि युवा पीढ़ी इस खतरनाक रास्ते से बच सके।
मंडी में बढ़ते नशे के मामलों ने प्रशासन, पुलिस और समाज सभी को सतर्क कर दिया है। लगातार हो रही गिरफ्तारियाँ और नशे की बड़ी खेपों की बरामदगी यह साफ करती है कि नशा माफिया कितनी गहराई तक जाल बिछा चुका है। प्रशासन की अपील है कि समाज को मिलकर इस लड़ाई में हिस्सा लेना होगा, तभी मंडी जिला को नशे से पूरी तरह मुक्त किया जा सकेगा।
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