गाड़ी बेचते ही आरसी ट्रांसफर जरूरी, देरी पर मूल मालिक पर होगी कार्रवाई
गाड़ी बेचते ही आरसी ट्रांसफर जरूरी, देरी पर मूल मालिक पर होगी कार्रवाई

Post by : Khushi Joshi

Nov. 15, 2025 4:23 p.m. 244

हिमाचल प्रदेश में वाहन बेचने के बाद रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी का समय पर स्थानांतरण अब पूरी तरह अनिवार्य कर दिया गया है। प्रशासन ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर की खरीद-फरोख्त के दौरान कानूनी जिम्मेदारियां स्पष्ट रहें और किसी दुर्घटना या विवाद के समय गलत व्यक्ति पर कार्यवाही न हो। धर्मशाला से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत साफ कर दिया है कि वाहन बेचने के बाद भी यदि आरसी मूल मालिक के नाम पर बनी रहती है, तो उसे सिविल और आपराधिक दोनों तरह के दंड का सामना करना पड़ सकता है।

अक्सर देखा गया है कि लोग अपनी पुरानी गाड़ी बेच देते हैं, लेकिन आरसी ट्रांसफर की प्रक्रिया को पूरा नहीं करते। कई बार नया खरीदार इस प्रक्रिया को टाल देता है या अनदेखा कर देता है, जिससे कानूनी दस्तावेजों में वाहन का नाम अभी भी पहले मालिक के नाम पर ही रहता है। ऐसी स्थिति में यदि गाड़ी किसी दुर्घटना, अपराध, विवाद या ट्रैफिक उल्लंघन में शामिल होती है, तो पुलिस से लेकर कोर्ट तक सभी नोटिस और जिम्मेदारियां मूल मालिक पर ही आ जाती हैं। कई मामलों में गाड़ी बेच चुके लोग वर्षों बाद अचानक किसी दुर्घटना या कानूनी विवाद में उलझ जाते हैं और उन्हें यह साबित करना पड़ता है कि वाहन काफी पहले दूसरे व्यक्ति को बेची जा चुकी थी।

इन समस्याओं को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने अब आरसी ट्रांसफर की प्रक्रिया को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। अधिकारी मानते हैं कि वाहन बेचने के साथ ही रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का हस्तांतरण सुनिश्चित करने से भविष्य में होने वाले विवादों, धोखाधड़ी और कानूनी परेशानियों से बचा जा सकता है। यह नियम दोनों पक्षों—बेचने वाले और खरीदने वाले—की सुरक्षा के लिए आवश्यक है और इससे ट्रैफिक विभाग तथा पुलिस को भी वाहन से जुड़े मामलों में सही जानकारी मिल सकेगी।

सरकार का कहना है कि वाहन खरीदने-बेचने की प्रक्रिया सिर्फ कागजों पर पूरी नहीं होती, बल्कि कानूनी दस्तावेजों का समय पर अपडेट होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यदि बिक्री के बाद लंबे समय तक आरसी ट्रांसफर नहीं किया जाता, तो दुर्घटना, आपराधिक गतिविधि या बीमा दावे के समय जिम्मेदारी का सवाल सीधे मूल मालिक तक पहुंच सकता है। ऐसे मामलों को ध्यान में रखते हुए आरसी का स्थानांतरण अब किसी विकल्प के बजाय पूरी तरह अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने वाहन मालिकों को सलाह दी है कि वे वाहन बेचते समय तुरंत आरसी ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू करवाएं, ताकि भविष्य में किसी भी कानूनी और आर्थिक जोखिम से बचा जा सके।

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