अनुराग ठाकुर का आग्रह: केंद्रीय योजनाएं सही पात्रों तक पहुंचें
अनुराग ठाकुर का आग्रह: केंद्रीय योजनाएं सही पात्रों तक पहुंचें

Post by : Khushi Joshi

Dec. 1, 2025 11:59 a.m. 198

हमीरपुर में सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्य सरकार से मांग की है कि हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाले मुफ्त और सस्ते राशन की वितरण व्यवस्था की गहन जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जरूरतमंदों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए कई तरह की योजनाएं लागू कर रही है, जिनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गरीब परिवारों को भोजन, स्वास्थ्य, आवास और सुरक्षा जैसी बुनियादी जरूरतें बिना परेशानी पूरा हों। लेकिन हाल ही में हिमाचल प्रदेश से सामने आए आंकड़ों ने व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्य में कुल 28.24 लाख लाभार्थियों में से लगभग 5.32 लाख लाभार्थियों की स्थिति संदिग्ध पाई गई है। इसका मतलब यह है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं, जो पात्र नहीं हैं, जबकि कई पात्र लोग सूची से बाहर बताए जा रहे हैं। यह न केवल सरकारी संसाधनों के गलत उपयोग को दर्शाता है, बल्कि वास्तव में जरूरतमंद वर्ग तक योजनाओं के न पहुंचने का संकेत भी है।

उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक योजना का नहीं, बल्कि उन सभी केंद्रीय कल्याणकारी योजनाओं का है जिन्हें देश के करदाताओं के पैसों से चलाया जाता है। यदि पात्र लाभार्थियों की सही पहचान और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित नहीं होती, तो योजनाओं के उद्देश्य को नुकसान पहुंचता है। इसलिए राज्य सरकार को चाहिए कि वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों की सूची का पुनर्मूल्यांकन करे और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाए।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, पीएम आवास योजना और किसान सम्मान निधि जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से हर स्तर पर सहायता पहुंचा रही है। ऐसे में राज्य सरकार की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वह इन योजनाओं का लाभ सही पात्रों तक पहुंचाने के लिए ठोस व्यवस्था बनाए। उन्होंने यह भी कहा कि गरीबों और जरूरतमंदों के अधिकारों की रक्षा करना राजनीति का विषय नहीं, बल्कि मानवीय और प्रशासनिक जिम्मेदारी है।

सांसद ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से जारी करनी चाहिए, ताकि लोगों का विश्वास शासन व्यवस्था में बना रहे। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार बिना देरी के इस मामले में ठोस कदम उठाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी अपात्र व्यक्ति सरकारी योजनाओं का लाभ न उठाए, जबकि किसी भी जरूरतमंद को उसका अधिकार मिलने में बाधा न आए

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