संसद में उठा एनएच-3 का मुद्दा, अनुराग ठाकुर ने सुरक्षा उपाय मांगे
संसद में उठा एनएच-3 का मुद्दा, अनुराग ठाकुर ने सुरक्षा उपाय मांगे

Post by : Khushi Joshi

Dec. 2, 2025 12:12 p.m. 209

हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को संसद में हिमाचल के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। नियम-377 के अंतर्गत उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग-03 के हमीरपुर–मंडी–धर्मपुर सेक्शन के निर्माण, सुरक्षा और भू-स्खलन रोकथाम से जुड़ी चिंताओं को जोरदार तरीके से सदन के सामने रखा। उन्होंने कहा कि यह हाई-वे न केवल हमीरपुर जिला बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लाखों लोगों की दैनिक जरूरतों से जुड़ा हुआ है और शिक्षण संस्थानों, कारोबार और ग्रामीण परिवहन के लिए अत्यंत आवश्यक जीवनरेखा है।

सांसद ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बदलते मौसम, अत्यधिक वर्षा और भूगर्भीय दबावों के कारण एनएच-3 के कई हिस्सों पर हाल के महीनों में दरारें, ढलान सरकने और अस्थायी अवरोध जैसी समस्याएं सामने आई हैं। इन परिस्थितियों के कारण यात्रियों को असुविधा होती है और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। उन्होंने जोर दिया कि यह हाई-वे केवल सड़क नहीं, बल्कि हिमाचल के आर्थिक और सामाजिक विकास की रीढ़ है, जिसका सुरक्षित और समयबद्ध निर्माण अत्यंत आवश्यक है।

अनुराग ठाकुर ने यह भी उल्लेख किया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा एनएचएआई ने अब तक कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें जियोटेक्निकल अध्ययन, स्लोप स्टेबिलिटी टेस्ट, ड्रेनेज सुधार, पानी के बहाव को नियंत्रित करने के उपाय और क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत शामिल हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की इन कोशिशों की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल में मजबूत और आधुनिक सड़क नेटवर्क तैयार करने का लक्ष्य वास्तव में सराहनीय है।

उन्होंने मांग उठाई कि पहाड़ी क्षेत्रों की संवेदनशील भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एनएच-3 के शेष निर्माण कार्य को तेज गति से पूरा किया जाए। विशेष रूप से उन स्थानों पर सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी जाए जहाँ भू-स्खलन और स्लोप मूवमेंट लगातार होता है। अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा कि जिस क्षेत्र से यह राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरता है, वहां बादल फटने जैसी घटनाओं की संभावना बनी रहती है, इसलिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय और मजबूत इंजीनियरिंग समाधान अनिवार्य हैं।

सांसद ने सरकार से स्पष्ट आग्रह किया कि इस राजमार्ग को दीर्घकालिक दृष्टि से सुरक्षित, टिकाऊ और मौसम-प्रतिरोधी बनाने के लिए विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित ठोस कदम उठाए जाएँ। उन्होंने कहा कि सड़कें केवल यात्रा का मार्ग नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की आकांक्षाओं, अर्थव्यवस्था और विकास की राह हैं। इसलिए एनएच-3 के अपूर्ण कार्य और सुरक्षा संबंधी सभी चुनौतियों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करना आवश्यक है, ताकि लोगों को निर्बाध, सुरक्षित और आधुनिक परिवहन मिल सके।

संसद में इस मुद्दे को उठाने के बाद हिमाचल में यह उम्मीद बढ़ी है कि आने वाले समय में एनएच-3 का निर्माण और सुरक्षा कार्य गति पकड़ेगा तथा यह महत्वपूर्ण मार्ग अपना पूरा स्वरूप जल्द ग्रहण करेगा।

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