छठ पूजा 2025: दिल्ली, बिहार, यूपी, झारखंड में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय
छठ पूजा 2025: दिल्ली, बिहार, यूपी, झारखंड में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय

Post by : Shivani Kumari

Oct. 27, 2025 1:59 p.m. 179

छठ महापर्व 2025: संध्या अर्घ्य, सूर्यास्त का सटीक समय एवं सांस्कृतिक-सामाजिक महत्त्व

छठ पूजा भारत के सबसे पावन और विश्वविख्यात पर्वों में से एक है, जिसे मुख्यत: बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में हर्षोल्लास और श्रद्धाभाव से मनाया जाता है। इस पर्व की पहचान डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने, कठिन व्रत उपवास, और सामूहिक धार्मिक आयोजन से होती है। आज, 27 अक्टूबर 2025, छठ महापर्व के शुभ अवसर पर देश-विदेश में बसे करोड़ों व्रतधारी संध्या अर्घ्य हेतु सूर्यास्त के समय का इंतजार कर रहे हैं। इस लेख में छठ पूजा की सांस्कृतिक-धार्मिक मान्यता, वैज्ञानिक पक्ष, सूर्यास्त-अर्घ्य का वक्त जानने की विधि तथा Bihar, Jharkhand, Delhi, UP सहित अन्य राज्यों के आज के सूर्यास्त के समय पर विस्तार से चर्चा की गई है।

छठ महापर्व: परंपरा, मान्यता और आधुनिक संदर्भ

छठ पूजा भारतीय संस्कृति में सूर्य उपासना का सबसे बड़ा और प्राचीन धार्मिक पर्व है। इसकी शुरुआत रामायण काल से जुड़ी मानी जाती है, जब माता सीता ने प्रभु श्रीराम के अयोध्या लौटने के बाद छठ व्रत किया था। पुराणों के अनुसार, सूर्य की बहन छठी मइया के आशीर्वाद से संतान-प्राप्ति, स्वास्थ्य-समृद्धि और परिवार की सुख-शांति की कामना की जाती है। व्रती महिलाएं/पुरुष नदी-तालाब-सरवर के किनारे जाकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। पर्व के चार दिनों में कड़े नियम, उपवास और शुचिता बरती जाती है।

छठ की सर्वाधिक महत्ता डूबते सूर्य और अगले दिन उगते सूर्य दोनों को अर्घ्य देने में है। प्रायः अन्य हिंदू पर्वों में सूर्य के उदयकाल में पूजा होती है, पर छठ में संध्या (सूर्यास्त) के समय भी खूब श्रद्धा और विधिविधान से अर्घ्य दिया जाता है। यह जीवन के उतार-चढ़ाव, प्रकृति के चक्र और पुनर्नवीनता का प्रतीक है।

सूर्यास्त एवं संध्या अर्घ्य का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्त्व

प्रत्येक वर्ष छठ महापर्व के दौरान संध्या अर्घ्य का समय, सूर्यास्त के शुद्ध खगोलीय काल से निर्धारित होता है। सूर्यास्त ना केवल प्रकृति के दिन-रात के चक्र की समाप्ति का संकेत देता है बल्कि शरीर की जैविक घड़ी, हार्मोन चक्र और वातावरण में बदलाव भी दर्शाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्यास्त के समय वातावरण में प्रकाश, तापमान और नमी की तीव्रता बदलती है, जो व्रतधारियों के लिए विशेष स्वास्थ्य लाभदायक माना गया है। डूबते सूर्य को प्रणाम करने से ऊर्जा का संतुलन और हार्मोनल एक्टिविटी सकारात्मक होती है।

धार्मिक पक्ष में माना जाता है कि संध्या के समय सूर्य देव के पूजन-अर्घ्य से परिवार की समृद्धि, रोगों से मुक्ति, संतान-प्राप्ति, एवं मनोबल की वृद्धि होती है। छठी मइया के साथ-साथ सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा जीवन के दोनों पहलुओं - उन्नति और अवसान - को मान्यता देती है।

2025 में कब है छठ पूजा का संध्या अर्घ्य?

इस वर्ष छठ पूजन का शुभ मुहूर्त 27 अक्टूबर 2025 को निर्धारित है। संध्या अर्घ्य के समय डूबते सूर्य को जल-धारण पात्र या सूप से अर्घ्य अर्पित किया जाता है। लाखों व्रती महिलाएं अपने परिवार की खुशहाली व आरोग्यता के लिए इस समय का बड़ी श्रद्धा से इंतजार करती हैं।

  • दिनांक: 27 अक्टूबर 2025
  • संभावित सूर्यास्त/संध्या अर्घ्य का समय: शहर के अनुसार अलग-अलग (नीचे दिए गए मानक देखें)

प्रत्यक्ष सूर्यास्त का सटीक समय जानना क्यों आवश्यक है?

छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने का श्रेष्ठ समय, स्थानीय सूर्यास्त के सटीक वक्त पर ही होता है। इससे पूजा विधि के साथ-साथ पारंपरिक मान्यता का भी गहरा संबंध है। चूंकि हर शहर, राज्य और क्षेत्र में भूगोल, वक्त, ऊंचाई, मौसम और खगोलीय स्थिति के अनुसार सूर्यास्त का समय अलग-अलग हो सकता है, अत: व्रतधारियों को ऑनलाइन माध्यमों - वेबसाइट, ऐप्स या पंचांग से अपने शहर का सही-अनुमानित समय जानना आवश्यक है।

ऑनलाइन कैसे जानें सूर्यास्त और संध्या अर्घ्य का सटीक समय?

  1. Google Search का उपयोग करें: अपने शहर या स्थान का नाम जोड़कर "Sunset Time Today" अथवा "सूर्यास्त का समय आज" लिखकर google.com या मोबाइल एप पर खोजें। उदाहरण: "पटना सूर्यास्त का समय आज"। स्क्रीन पर तत्काल सूरज डूबने का सटीक टाइम आ जाएगा।
  2. Panchang वेबसाइट्स: किसी विश्वसनीय पंचांग वेबसाइट जैसे Drik Panchang, chhathpujapatna.in, etc. पर जाकर शहर का चयन करें और दिनांक अनुसार सूर्योदय-सूर्यास्त देख सकते हैं।
  3. मौसम ऐप्स: अपने मोबाइल के मौसम ऐप्स - IMD एप, Time And Date App, Weather Underground आदि में लोकेशन बदलकर उचित सूर्यास्त प्राप्त करें।

इसके अलावा, लोकल अखबार, रेडियो एवं टीवी चैनल्स भी अपने क्षेत्र का सूर्यास्त-अर्घ्य का सबसे भरोसेमंद टाइम प्रस्तुत करते हैं।

देश के बड़े शहरों में सूर्यास्त का संभावित समय (27 अक्टूबर 2025)

शहर संभावित सूर्यास्त/संध्या अर्घ्य समय
पटना (बिहार) 5:09 PM - 5:13 PM
दिल्ली 5:40 PM - 5:44 PM
रांची (झारखंड) 5:13 PM - 5:17 PM
लखनऊ (यूपी) 5:26 PM - 5:31 PM
वाराणसी (यूपी) 5:18 PM - 5:22 PM
गया (बिहार) 5:09 PM - 5:13 PM
मुंबई, चेन्नई, कोलकाता आदि 5:45 PM - 6:05 PM

यह समय आपके स्मार्टफोन, पंचांग, लोकल न्यूज चैनल या ऑनलाइन वेबसाइट्स से तुरंत कन्फर्म किया जा सकता है। समय हर एक शहर, मौसम और भौगोलिक स्थिति के अनुसार थोड़ा अलग हो सकता है।

छठ महापर्व की पूजा सामग्री, विधि और नियम

छठ पूजा की आरंभिक तैयारियां खासतौर पर महिलाओं द्वारा की जाती हैं। पूजा सामग्रियों की विशेष सूची बनाई जाती है जिसमें सूप, टोकरी, फल (केला, नारियल, सेव, गन्ना), ठेकुआ, चावल, गुड़, शकर, हरा साग, बंदोबस्ती जल, दीपक, धूप, गंगाजल और नए वस्त्र होते हैं। पूजा नदी, सरवर या तालाब के किनारे संपन्न होती है। व्रतधारी जल में खड़े होकर अपने परिवार के लिए प्रार्थना करते हैं। संध्या अर्घ्य के दिन डूबते सूर्य को और अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।

छठ के लोकप्रचलित गीत और सांस्कृतिक पक्ष

छठ पूजा के प्रसंग पर पारंपरिक लोकगीत, चौठियार, संस्कृत श्लोक और भजन विशेष रूप से गाए जाते हैं, जिनमें सूर्य देव व छठी मइया का स्मरण होता है। "काँच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए" जैसे कई लोकप्रिय गीत परिवारिक-सामुदायिक एकता का संदेश देते हैं। घाटों पर सामूहिक गीतगायन, रंग-बिरंगी साज-सज्जा और भक्ति का वातावरण एक अनूठी सांस्कृतिक पहचान बनाता है।

छठ पर्व और पर्यावरण संरक्षण: जागरूकता की आवश्यकता

छठ महापर्व के दौरान देशभर के नदी-सरोवरों, जलाशयों, तालाबों पर लाखों श्रद्धालु पूजा करते हैं। यह आवश्यक है कि पर्यावरण सफाई, प्लास्टिक उपयोग में कमी, नदी का संरक्षण, और जैविक पूजा सामग्री की ओर प्रवृत्ति बढ़ाई जाए। छठ पर्व सामाजिक एकता और स्वच्छता का भी संदेश देता है। प्रशासन और समाज के सहयोग से अशुद्धता, गंदगी, प्लास्टिक एवं वेस्ट का घाटों पर रोक जरूरी है ताकि यह पर्व भावी पीढ़ियों तक सुरक्षित रह सके।

व्रती एवं श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुझाव

  • सही सूर्यास्त टाइम ऑनलाइन/पंचांग से कन्फर्म कर लें।
  • पूजन में सभी नियम, सामग्रियां और पारंपरिक विधि का पालन करें।
  • घाट/सरवरों पर साफ-सफाई रखें, जैविक/पुनः प्रयोगीत सामग्री का इस्तेमाल करें।
  • आश्रितों एवं वृद्धों का ध्यान रखें, भीड़ से बचें।
  • सरकारी-प्रशासनिक गाइडलाइंस का पालन करें।

2025 के छठ पर्व पर सोशल मीडिया अपडेट, लाइव टाइमिंग एवं ट्रेंड्स

इस वर्ष सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स (Facebook, Instagram, Twitter, YouTube) पर छठ महापर्व और संध्या अर्घ्य से जुड़े हैशटैग एवं लाइव अपडेट खूब ट्रेंड कर रहे हैं। लोग अपने घाट/समारोह की तस्वीरे, लाइव पूजा, सूर्यास्त की तस्वीरें, पारंपरिक गीतों के वीडियो साझा कर रहे हैं। विभिन्न न्यूज वेबसाइट्स जैसे Jansatta, Live Hindustan, Dainik Jagran, Indian Express, आदि ने शहर के अनुसार छठ अर्घ्य का लाइव समय, पूजा स्थितियां और ट्रैफिक एडवाइजरी से जुड़ी खबरें प्रकाशित की हैं।

छठ महापर्व का वैज्ञानिक, धार्मिक और सांस्कृतिक झुकाव

छठ पूजा भारतीय संस्कृति की व्यापकता, प्रकृति की शक्ति, सामूहिक सौहार्द, और जीवन के उतार-चढ़ाव की खूबसूरत मिसाल है। इस पर्व की अद्वितीयता छठी मइया और सूर्य को डूबते समय अर्घ्य देने की परंपरा में निहित है। भक्तों के लिए सूर्यास्त और संध्या अर्घ्य का सही समय जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है। तकनीकी युग में ऑनलाइन ऐप्स, पंचांग, और मौसम वेबसाइट्स ने यह सुविधा बेहद आसान बना दी है। छठ महापर्व के इस पावन अवसर पर समस्त देशवासियों को सामाजिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य से जुड़े मंगलकामनाएं!

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